करंट लगाते थे, म्यांमार से छुड़ाकर लखनऊ लाए गए लोगों ने सुनाई आपबीती

म्यांमार के साइबर अपराधियों के गिरोह का शिकार यूपी के 21 युवको को लखनऊ लाया गया है । मुक्त कराए गए लोगों ने बताया कि साइबर ठग भारत से एमबीए, बीबीए की पढ़ाई पूरी कर चुके युवाओं को टारगेट करते थे। काम के दौरान नींद आने पर बाल नोच कर मारपीट करते थे। यहां LIU की टीम ने पुलिस लाइन में उनसे 5 घंटे पूछताछ की। साथ ही प्रोफार्मा पर उनके नाम, पिता का नाम, पता, मोबाइल नंबर, म्यांमार में रहने वाले परिचित भारती हैं ।
बंधक बने युवकों को विदेश मंत्रालय के हस्तक्षेप पर छुड़ाया जा सका। सभी 21 युवक लखनऊ, कुशीनगर, वाराणसी, अंबेडकर नगर, गोंडा आदि जिलों के हैं।
पुलिस लाइन में साइबर क्राइम सेल और एलआइयू की टीम देर रात तक पूछताछ किया। वहीं, बंधक बनाए गए गाजियाबाद के 17 युवकों से पूछताछ की जा रही है।
उन्होंने बताया कि युवाओं को 70 हजार से एक लाख रुपये प्रति माह वेतन का लालच देकर कभी बैंकॉक तो कभी पश्चिम बंगाल के रास्ते म्यांमार ले जाते थे। म्यांमार के बॉर्डर पर एक फ्लैट में रखते थे। एक हॉल में 15 से 20 लोगों को रखा जाता था। उन्हें लैपटॉप देते थे और डिजिटल अरेस्ट, शेयर मार्केट में निवेश के नाम पर ठगी कराते थे। बंधक युवाओं में कोई पांच तो कोई आठ माह से काम कर रहा था। इनमें चीन, पाकिस्तान समेत कई देशों के युवा शामिल थे।