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उप्र: सपा ने सदन में उठाया गो-आश्रय स्थलों की दुर्दशा का मुद्दा, पशुधन मंत्री बोले- अब गाय देखकर कांपते हैं कसाई

 उप्र: सपा ने सदन में उठाया गो-आश्रय स्थलों की दुर्दशा का मुद्दा, पशुधन मंत्री बोले- अब गाय देखकर कांपते हैं कसाई
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लखनऊ। उप्र की विधानसभा में समाजवादी पार्टी के सदस्यों ने गो-आश्रय स्थलों की दुर्दशा का मुद्दा उठाया। नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पाण्डेय ने कहा कि सपा सरकार में गाय मोटी थीं, डरती नहीं थीं। इस पर पशुधन मंत्री धर्मपाल सिंह ने कहा कि आज गाय को देखकर कसाई कांपता है।

कल सोमवार को विधानसभा में बजट पर चर्चा के दौरान पशुधन मंत्री धर्मपाल सिंह ने कहा कि सपा सरकार में कसाई को देखकर गाय कांपती थी। वहीं भाजपा सरकार में कसाई गाय को देखकर कांपता है।

कहा कि प्रदेश में कोई छुट्टा पशु नहीं है, बल्कि छोड़े गए पशु हैं। गो-आश्रय स्थलों के प्रबंधन के लिए माइक्रो मैनेजमेंट के दिशा-निर्देश दिए जा चुके हैं। राज्य सरकार ने हालिया बजट में 2000 करोड़ रुपये की व्यवस्था भी की है।

पशुओं के साथ हो रहा अमानवीय व्यवहार

पशुधन मंत्री, सपा सदस्य महेंद्र नाथ यादव व संग्राम सिंह द्वारा किसानों की फसलों को छुट्टा जानवरों से बचाने के लिए योजना बनाए जाने को लेकर पूछे गए सवाल का जवाब दे रहे थे। पशुधन मंत्री के जवाब पर संग्राम सिंह यादव ने कहा कि अधिकारियों के चक्कर में फंसकर मंत्री जवाब दे रहे हैं। वह खुद भ्रमण कर लें।

गो-आश्रय स्थलों पर इंतजाम बहुत कम हैं। पशुओं के साथ अमानवीय व्यवहार हो रहा है। सरकार को बजट बढ़ा देना चाहिए, जिसका हम समर्थन करेंगे। मंत्री के जवाब पर नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडेय ने कहा कि पशुओं के साथ दुर्घटना में घायल लोगों की कुछ दिन बाद मृत्यु हो जाती है। राज्य सरकार को उन्हें भी आर्थिक सहायता देनी चाहिए।

उन्होंने कहा कि सपा सरकार में गाय कसाई से डरती नहीं थी। तब वह मोटी होती थी। वहीं सपा सदस्य अनिल प्रधान ने छुट्टा पशुओं द्वारा फसलों का नुकसान करने को लेकर सवाल उठाया।

जिसके जवाब में मंत्री ने कहा कि फसलों का नुकसान होने की कोई शिकायत नहीं है। प्रदेश सरकार गोवंश के संरक्षण पर रोजाना 7.50 करोड़ रुपये खर्च कर रही है। यह राज्य सरकार की प्राथमिकताओं में शामिल है।

 आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों एवं सहायिकाओं को मानदेय नहीं

विधानसभा में महिला कल्याण एवं बाल विकास मंत्री बेबी रानी मौर्या ने कहा कि अन्य राज्यों की भांति आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों एवं सहायिकाओं को वेतन और अन्य सुविधाएं देने पर राज्य सरकार विचार नहीं कर रही है। वह सपा सदस्य बृजेश कठेरिया के सवाल का जवाब दे रही थीं।

उन्होंने सदन को अवगत कराया कि आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों और सहायिकाओं को बीमा योजनाओं से आच्छादित किया गया है। वहीं सपा सदस्य त्रिभुवन दत्त द्वारा आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों का मानदेय बढ़ाने को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में उन्होंने शासनादेश का हवाला देते हुए कहा कि यह सेवा मानदेय पर आधारित है।

मिलावट रोकने को लगातार चला रहे अभियान

पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह ने सदन को अवगत कराया कि मिठाइयों में मिलावट रोकने के लिए लगातार अभियान चलाया जाता है। दोषियों पर कार्रवाई भी होती है। उन्होंने सदन के सामने बीते एक वर्ष में हुई कार्रवाई का ब्योरा भी प्रस्तुत किया। उन्होंने बताया कि बीते एक वर्ष में कुल 4344 नमूने लिए गए, जिसमें से 1201 अधोमानक पाए गए। नियमों का उल्लंघन करने के 150 मामलों में कार्रवाई की गई।

 पूर्व विधायकों के निधन की सूचना नहीं देने वाले अफसरों पर होगी कार्रवाई

सोमवार को विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने करनैलगंज के पूर्व विधायक कुंवर बृज सिंह के गत 22 फरवरी को निधन होने की जानकारी सदन को दी। इस दौरान अमरोहा की हसनपुर सीट से पूर्व विधायक रफाकत हुसैन और रायबरेली की डलमऊ सीट के पूर्व विधायक गजाधर सिंह के निधन की सूचना सदन को नहीं दिए जाने की सदस्यों ने जानकारी दी।

विधानसभा अध्यक्ष ने इस पर कड़ा रुख अख्तियार करते हुए प्रमुख सचिव विधानसभा से सूचना नहीं देने वाले अधिकारियों का पता लगाने और उन पर कार्रवाई करने का निर्देश दिया।

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