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‘तमीज से रहो वरना..’ सुनवाई का भी मजाक बनाने वाले समय रैना की SC ने निकाल दी हेकड़ी

 ‘तमीज से रहो वरना..’ सुनवाई का भी मजाक बनाने वाले समय रैना की SC ने निकाल दी हेकड़ी

नई दिल्ली। तमीज से रहो वरना तुम जैसों से निपटना तो हम जानते ही हैं… सुप्रीम कोर्ट ने कुछ इसी अंदाज में गालीबाज यूट्यूबरों को जमीन सुंघा दिया। उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को कॉमेडियन समय रैना को जमकर फटकार लगाई।

सर्वोच्च न्यायालय को बताया गया था उसकी कार्यवाही पर भी रैना ने चुटकी ली थी। उसने कनाडा में अपने शो ‘इंडियाज गॉट लेटेंट’ के विवाद पर बात की थी। कोर्ट ने कहा कि आजकल की युवा पीढ़ी खुद को बहुत होशियार समझती है। सुप्रीम कोर्ट पॉडकास्टर रणवीर अल्लाहबादिया की याचिका पर सुनवाई कर रहा था।

नींद उड़ा देंगी सुप्रीम कोर्ट की चेतावनियां

अल्लाहबादिया ने पिछले महीने रैना के शो पर अभद्र टिप्पणी करके बवाल मचा दिया था। सोमवार की सुनवाई में जस्टिस सूर्यकांत ने कहा, ‘ये नौजवान और ओवरस्मार्ट लोग सोचते हैं कि इन्हें हमसे ज्यादा पता है… इनमें से एक कनाडा गया और वहां इस बारे में खूब बोला।’

इस पर सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा, ‘जी, ये (रैना का जिक्र करते हुए) विदेश गया और इस कार्यवाही का मजाक उड़ाया।’ जस्टिस सूर्यकांत ने आगे कहा, ‘शायद इन्हें नहीं पता कि इस अदालत के पास कितनी ताकत है।’ उन्होंने यूट्यूबर्स को चेतावनी दी, ‘तमीज से रहो, वरना हम जानते हैं कि तुम्हारे साथ कैसे निपटना है।’

सुप्रीम कोर्ट की कार्यवाही पर भी ले ली थी चुटकी!

रैना पिछले महीने कनाडा में ‘समय रैना अनफिल्टर्ड’ टूर पर था। उसने इस विवाद पर मजाकिया अंदाज में टिप्पणी की। स्टेज पर अपनी पहली टिप्पणी में उसने दर्शकों से मजाक करते हुए कहा, ‘मेरे वकील की फीस देने के लिए शुक्रिया।’

‘द बीयरबाइसेप्स गाय’ के नाम से जाना जानेवाला रणवीर अल्लाहबादिया ने पिछले महीने समय रैना के शो ‘इंडियाज गॉट लेटेंट’ में माता-पिता के शारीरिक संबंधों पर अश्लील टिप्पणियां कीं, जिससे बड़ा विवाद खड़ा हो गया। इन टिप्पणियों से भारी आक्रोश फैला और संसद में बहस छिड़ गई। इस सोशल मीडिया पर्सनैलिटी के खिलाफ कई शिकायतें दर्ज हुईं।

इन यूट्यूबर्स भी दर्ज हुए केस

रैना के साथ-साथ आशीष चंचलानी, जसप्रीत सिंह और अपूर्वा मखीजा जैसे लोगों के खिलाफ भी मामले दर्ज किए गए। ये सभी शो का हिस्सा थे। एपिसोड को यूट्यूब से हटाए जाने के कुछ घंटों बाद रैना ने एक बयान जारी कर कहा कि उसने अपने चैनल से शो के सभी वीडियो हटा दिए हैं और अधिकारियों के साथ ‘पूरा सहयोग’ कर रहे हैं।

अल्लाहबादिया ने भी एक वीडियो में माफी मांगते हुए कहा था कि उसकी टिप्पणियां ‘न सिर्फ अनुचित थीं, बल्कि मजाकिया भी नहीं थीं।’ हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने 31 वर्षीय यूट्यूबर को आगे कोई शो शूट करने से रोक दिया था।

रणवीर को मिली राहत

सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार की सुनवाई में अल्लाहबादिया को अपना पॉडकास्ट ‘द रणवीर शो’ फिर से शुरू करने की अनुमति दे दी। कोर्ट ने कहा कि ‘नैतिकता और अभिव्यक्ति की आजादी के बीच संतुलन बनाने’ की जरूरत है। इस बड़े विवाद के बाद डिजिटल कंटेंट के लिए दिशानिर्देश तैयार करने से पहले सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र को भी इस बात का ध्यान रखने को कहा।

अकड़ तो ढीली होनी ही चाहिए

दरअसल, अभिव्यक्ति की आजादी के नाम पर आजकल बहुत कुछ बोला जाने लगा है। संविधान में मिले अधिकारों पर नजर गड़ाए लोगों को उसी संविधान में वर्णित मूल कर्तव्यों पर कभी ध्यान नहीं जाता है। सवाल है कि क्या सामाजिक मूल्यों पर चोट पहुंचाने के घृणित प्रयास का भी अभिव्यक्ति की आजादी की आड़ में बचाव किया जा सकता है? सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणियों से स्पष्ट है कि ऐसा उचित नहीं है। इसलिए जरूरी है कि कर्तव्यों को नजरअंदाज कर सिर्फ अधिकारों की बात करने वालों की अकड़ ढीली की जाए।

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