श्रीनगर : झेलम किनारे बैठी रुखसाना (बदला हुआ नाम) की जिंदगी कश्मीर की उन हाउसबोट्स की तरह है, जो कभी शान और सुकून का प्रतीक थीं, लेकिन अब जर्जर होकर एक दर्दनाक हकीकत बयां करती हैं। लगभग 15 साल की रुखसाना बताती है, “मेरी सहेलियां अच्छे कपड़े पहनती हैं, घूमती हैं, मर्जी का खाती हैं। […]Read More