जस्टिस यशवंत वर्मा के खिलाफ इन-हाउस जांच को चुनौती, CJI बोले- विशेष पीठ करेंगे गठित

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने आज कहा कि वह जस्टिस यशवंत वर्मा की उस याचिका पर सुनवाई के लिए एक विशेष पीठ गठित करेगा, जिसमें उन्होंने इन-हाउस जांच समिति की उस रिपोर्ट को चुनौती दी है जिसने उन्हें ‘कैश-एट-रेजिडेंस’ मामले में दोषी ठहराया है।
इन वकीलों ने रखा जस्टिस वर्मा का पक्ष
बता दें कि इस मामले का उल्लेख भारत के मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई, जस्टिस के. विनोद चंद्रन और जस्टिस जॉयमल्या बागची की पीठ के समक्ष रखा गया था। जस्टिस वर्मा की तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल, मुकुल रोहतगी, राकेश द्विवेदी, सिद्धार्थ लूथरा, सिद्धार्थ अग्रवाल, जॉर्ज पथन पूथिकोट सहित अन्य वकील पेश हुए।
याचिका दाखिल कर उठाए संवैदानिक प्रश्न
सुनवाई के दौरान जस्टिस वर्मा की तरफ से पेश हुए वकीलों ने कहा कि हमने इलाहाबाद हाईकोर्ट के जज की ओर से याचिका दाखिल की है। इसमें कुछ संवैधानिक प्रश्न उठाए गए हैं। आपसे निवेदन है कि यथाशीघ्र एक पीठ का गठन करें।
चीफ जस्टिस ने कही पीठ नियुक्ति की बात
CJI बीआर गवई ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट इस मामले की सुनवाई के लिए एक पीठ नियुक्त करने पर फैसला करेगा। मुख्य न्यायाधीश ने स्पष्ट किया कि यह मामला उनके समक्ष सूचीबद्ध नहीं हो सकता, क्योंकि वे न्यायमूर्ति वर्मा विवाद पर चर्चा का हिस्सा थे।
जस्टिस वर्मा के मामले में कब क्या हुआ था
बता दें कि 14 मार्च की रात दिल्ली हाई कोर्ट के तत्कालीन जस्टिस यशवंत वर्मा के सरकारी आवास के स्टोर रूम में आग लगी थी। वहां करोड़ों के नोट जले पाए गए। नकदी बरामदगी की खबर आने के बाद जस्टिस वर्मा से न्यायिक कार्य वापस ले लिया था और उन्हें उनके मूल उच्च न्यायालय इलाहाबाद स्थानांतरित कर दिया गया था। 22 मार्च को तीन जजों की जांज कमिटी का गठन किया गया था।
