सपा नेता उदयपाल यादव ने किया छात्रा को अगवा, हत्या समेत 24 से अधिक मुकदमे हैं दर्ज

मैनपुरी। उप्र के मैनपुरी के भोगांव थाना इलाके से छात्रा के अपहरण का सनसनीखेज मामला सामने आया है। आरोप है कि नगर पंचायत कंपिल (फर्रुखाबाद) के पूर्व चेयरमैन व सपा नेता उदयपाल यादव ने ठेकेदारी के लेनदेन के विवाद में छात्रा का अपने दो साथियों के साथ मिलकर अपहरण कर लिया।
पुलिस ने सीसीटीवी की मदद से छात्रा को लखनऊ से खोज निकाला है। हालांकि, आरोपी अभी पुलिस की गिरफ्त से दूर हैं। जनपद मैनपुरी थाना भोगांव के पथरिया मोहल्ला निवासी मंगलम मिश्रा ने नगर पंचायत कंपिल के पूर्व चेयरमैन उदयपाल यादव पर रिपोर्ट दर्ज कराई है।
उन्होंने बताया कि मंगलवार सुबह करीब 6:15 बजे उसकी बहन ऐश्वर्या मिश्रा उर्फ दुर्गा कोचिंग जाने के लिए घर से निकली थी। वह बैंक ऑफ इंडिया के पास पहुंची तभी सफेद रंग की स्कॉर्पियो गाड़ी में आए उदयपाल यादव और उनके दो साथियों ने छात्रा को जबरन गाड़ी में बैठाकर अपहरण कर लिया।
मंगलम मिश्रा का आरोप है कि अपहरण के बाद आरोपी ने व्हाट्सएप कॉल के जरिये परिजनों से बात कर छात्रा के अपहरण की पुष्टि भी की। उन्होंने बताया कि उनका पूर्व चेयरमैन उदयपाल यादव से ठेकेदारी के लेनदेन को लेकर पुराना विवाद चल रहा है जिसकी रंजिश में यह घटना अंजाम दी गई है।
देर शाम पुलिस ने परिजन के साथ लखनऊ में दबिश दी, जहां छात्रा सकुशल मिल गई। उसे वापस घर लाया जा रहा है। कंपिल थाना प्रभारी विश्वनाथ आर्या ने दबिश की जानकारी से भी इन्कार किया है।
हत्या समेत 24 से अधिक मुकदमे
नगर पंचायत के पूर्व चेयरमैन उदयपाल यादव के खिलाफ जनपद के अलावा इटावा, एटा और मैनपुरी में हत्या, हत्या की कोशिश, बलवा, गुंडा एक्ट जैसे करीब 24 से अधिक मुकदमे दर्ज हैं। पुलिस ने उसकी हिस्ट्रीशीट भी खोली है। उधर, सोशल मीडिया पर चर्चा जारी है कि अभी इटावा कांड ठंडा भी नहीं हो पाया, एक सपा यादव नेता ने कांड कर दिया। मामला ब्राह्मण बनाम यादव होने से ब्राह्मण संगठनों ने रोष है।
सवाल खड़े करती है पुलिस की चुप्पी
इस पूरे मामले में सबसे हैरान करने वाली बात यह है कि पुलिस की ओर से कोई स्पष्ट बयान सामने नहीं आया है। जबकि मामला एक पूर्व जनप्रतिनिधि और राजनीतिक व्यक्ति से जुड़ा है। परिजनों की ओर से लगाए गए आरोप बेहद गंभीर हैं और मामले की निष्पक्ष जांच की मांग करते हैं। अब देखना होगा कि पुलिस इस मामले में आरोपियों को कब तक गिरफ्तार कर पाती है और पीड़िता को न्याय दिलाने की दिशा में कितनी प्रभावी कार्रवाई करती है।
एसओजी प्रभारी को मारी गोली
सपा नेता हिस्ट्रीशीटर पूर्व चेयरमैन उदयपाल यादव पुलिस में सिपाही था। इसके बाद वह एसओजी टीम में पहुंच गया। उदयपाल ने पहली बार वर्ष 2006 में किसी बात पर इटावा SOG प्रभारी को थाने में गोली मार दी थी, जिसके बाद से वह सुर्खियों में आया।
पुलिस के दस्तावेजों में 221 नंबर पर उसकी हिस्ट्रीशीट खोली गई। एक सपा नेता के राजनीतिक रसूख के बदौलत वह जेल से बाहर आया। नौकरी से हटाए जाने के बाद वह पिता के साथ खेती करने लगा। इस बीच उदयपाल ने लोगों को धमकी देना, मारपीट करना जारी रखा।
2012 में पहली बार में ही बना था कंपिल का चेयरमैन
उसने कब्जा करने को व्यापार बनाया। पहली बार में प्रधानी जीती। गुर्गों के सहयोग से पहली बार में ही नगर पंचायत कंपिल का 2012 में चेयरमैन बना। बाद में पत्नी गीता यादव और वर्तमान में मां राजवती नगर पंचायत की अध्यक्ष हैं।
