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बनाऊंगा नई पार्टी; ट्रंप के विरोध में उतरे एलन मस्क, वन बिग ब्यूटीफुल बिल पर सीधी चुनौती

 बनाऊंगा नई पार्टी; ट्रंप के विरोध में उतरे एलन मस्क, वन बिग ब्यूटीफुल बिल पर सीधी चुनौती
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वॉशिंगटन। दुनिया से सबसे अमीर शख्स एलन मस्क ने अपना नया राजनीतिक दल ‘अमेरिका पार्टी’ बनाने की बात कही है। मस्क ने कहा है कि अगर डोनाल्ड ट्रंप का ‘वन बिग ब्यूटीफुल बिल’ अमेरिकी संसद में पास हुआ तो वह अगले ही दिन नई सियासी पार्टी का ऐलान कर देंगे।

मस्क ने ट्रंप के इस बिल की आलोचना करते हुए इसे कर्ज और गुलामी वाला विधेयक बताया है। फिलहाल सीनेट में डोनाल्ड ट्रंप के ‘वन बिग, ब्यूटीफुल बिल’ पर बहस चल रही है। यह बिल डोनाल्ड ट्रंप और दुनिया के सबसे अमीर लोगों में शुमार मस्क के बीच तनातनी की वजह बना हुआ है।

एलन मस्क ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा कि ये विधेयक पास होता है तो संसद के हर उस सदस्य को शर्म आनी चाहिए, जिसने सरकारी खर्च को कम करने के लिए अभियान चलाया और फिर इतिहास में सबसे बड़ी ऋण वृद्धि के लिए वोट किया।

मुझे लगता है कि इस विधेयक के पारित होने के बाद देश में एक नई राजनीतिक पार्टी की आवश्यकता होगी। उन्होंने कहा कि बिग ब्यूटीफुल बिल के समर्थक नेता अगले साल प्राइमरी चुनाव हार जाएंगे।

अमेरिकी लोगों को चाहिए राजनीतिक विकल्प

मस्क ने सोशल मीडिया पर कहा, ‘अगर यह बेहूदा विधेयक पारित हो जाता है तो अगले ही दिन अमेरिका पार्टी का गठन किया जाएगा। हमारे देश को डेमोक्रेटिक और रिपब्लिकन पार्टी के विकल्प की आवश्यकता है ताकि लोगों की आवाज सुनी जा सके।’ वन बिग, ब्यूटीफुल बिल को सीनेट 4 जुलाई की समय सीमा से पहले पारित करने की कोशिश कर रही है। वन बिग, ब्यूटीफुल बिल ट्रंप के एजेंडे का एक अहम हिस्सा है।

एलन मस्क ने चुनाव प्रचार में डोनाल्ड ट्रंप की जमकर मदद की थी। ट्रंप के हर कार्यक्रम में मस्क उनके साथ दिखते थे। चुनाव जीतने के बाद ट्रंप प्रशासन में मस्क को दक्षता विभाग का नेतृत्व करने के लिए चुना था। हालांकि कुछ महीनों में ही दोनों के संबंधों में दरार आ गई। दोनों के बीच वन बिग, ब्यूटीफुल बिल पर विवाद अब खुलकर ना सिर्फ अमेरिका बल्कि दुनिया के सामने आ गया है।

क्‍या है वन बिग ब्यूटीफुल बिल ?

डोनाल्ड ट्रंप और एलन मस्क में विवाद की वजह बना ‘वन बिग ब्यूटीफुल बिल’ टैक्स कटौती, सेना का बजट बढ़ाने और अवैध प्रवासियों के बड़े पैमाने पर निर्वासन के लिए खर्च बढ़ाने से जुड़ा है। इस खर्च के बढ़ने का असर देश का स्वास्थ्य और शिक्षा जैसे क्षेत्र पर पड़ने की संभावना है।

इस बिल का मस्‍क शुरू से ही विरोध कर रहे हैं। वहीं ट्रंप किसी भी सूरत में इस बिल को कानून बनाना चाहते हैं। इस बिल के जरिए ट्रंप अपने पहले कार्यकाल 2017 में लागू किए गए टैक्स में कटौती को और आगे बढ़ाना चाहते हैं।

इस बिल में 4.5 ट्रिलियन डॉलर के खर्च का प्रावधान है। मस्क और बिल के आलोचकों का कहना है कि इससे अमेरिका का राष्ट्रीय कर्ज 3.3 ट्रिलियन डॉलर तक बढ़ जाएगा। इससे हेल्थकेयर बजट में भारी कटौती करनी होगी।

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