‘इसलिए नहीं मारा कि उन्हें फिजिक्स आती थी’, 14 परमाणु वैज्ञानिकों की हत्या की इस्राइल ने बताई वजह

तेल अवीव। ईरान के खिलाफ इस्राइल के हालिया सैन्य अभियान में कम से कम 14 वरिष्ठ ईरानी परमाणु वैज्ञानिकों की मौत हो गई थी। इस्राइल ने इन वैज्ञानिकों की हत्या करने के लिए लक्षित हमले किए थे। इस्राइल के इन हमलों का मकसद तेहरान के परमाणु हथियार कार्यक्रम को धवस्त करना था।
फ्रांस में इस्राइल के राजदूत जोशुआ जर्का का कहना है कि वैज्ञानिकों की मौत और इस्राइली और अमेरिकी हमलों में बचे परमाणु ढांचों और सामग्रियों से ईरान के लिए हथियार बनाना लगभग असंभव होगा।
उन्होंने कहा कि एक साथ इतनी बड़ी संख्या में वैज्ञानिकों के मारे जाने के कारण ईरान का परमाणु कार्यक्रम कुछ वर्ष नहीं काफी वर्ष के लिए टल गया है। वहीं दूसरी ओर परमाणु विश्लेषकों का यह भी कहना है कि ईरान के पास अन्य वैज्ञानिक हैं जो उनकी जगह ले सकते हैं।
बताई वैज्ञानिकों की हत्या की वजह
जर्का ने बताया कि इस्राइली हमलों में कम से कम 14 भौतिकविदों और परमाणु इंजीनियरों की मौत हुई है। उन्होंने कहा कि मारे गये लोग ईरान के शीर्ष वैज्ञानिक थे और ईरान के परमाणु कार्यक्रम के पीछे उनका ही दिमाग था।
जोशुआ जर्का ने कहा कि वे इसलिए नहीं मारे गए कि वे फिजिक्स (भौतिकी) जानते थे, बल्कि इसलिए मारे गए क्योंकि वे व्यक्तिगत रूप से लड़ाई में शामिल थे। परमाणु हथियार का निर्माण और उत्पादन कर रहे थे।
इस्राइली सेना ने कहा कि 13 जून को इस्राइल के हमलों की शुरुआती लहर में उनमें से नौ वैज्ञानिक मारे गए थे। उनके पास “परमाणु हथियारों के विकास में दशकों का अनुभव था” और इसमें रसायन विज्ञान, सामग्री और विस्फोटक के साथ-साथ भौतिक विज्ञानी भी शामिल थे।
