दिल्ली में प्रदूषण पर लगेगी लगाम, सरकार ने लिया बड़ा फैसला; अब 25 और सड़कों पर होंगे खास इंतजाम

नई दिल्ली। दिल्ली सरकार के पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने आज शुक्रवार को लोधी रोड पर ऑटोमैटिक मिस्ट सिस्टम का जमीनी मुआयना किया। यह हाई-प्रेशर मिस्ट स्प्रेयर धूल के कणों को दबाने व कार्बन उत्सर्जन कम करने के लिए डिजाइन किए गए हैं।
ये सिस्टम न सिर्फ मध्य दिल्ली बल्कि द्वारका में डीडीए की सड़कों पर भी चालू हैं। निरीक्षण के दौरान सिरसा ने कहा, “हम प्रदूषण से लड़ने के लिए डेटा-ड्रिवन और तकनीक आधारित हल लागू कर रहे हैं।
दिल्ली में हो रहे काम अन्य राज्यों के लिए बनेंगे बेंचमार्क
सिरसा ने कहा दिल्ली में प्रदूषण रोकने के लिए किए जा रहे काम आने वाले समय में अन्य राज्यों के लिए भी एक बेंचमार्क बनेंगे। उन्होंने बताया कि लोधी रोड पर पूरा हो चुका यह प्रोजेक्ट 560 मीटर में फैला हुआ है, 15 पोल लगाए गए हैं।
हर पोल पर 30 हाई-प्रेशर ब्रास और स्टेनलेस स्टील मिस्टिंग नोजल्स लगाए गए हैं, जो 40 बार प्रेशर पर 2.8 लीटर प्रति घंटा की दर से अल्ट्रा-फाइन मिस्ट स्प्रे करते हैं।
तिलक मार्ग और जाकिर हुसैन मार्ग पर लगाए जाएंगे मिस्ट स्प्रे सिस्टम
यह सिस्टम 10 एचपी मिस्टिंग पंप से संचालित होता है, जिसमें एसएस पाइपलाइन, आरओ यूनिट, पीवीसी टैंक, कंट्रोल पैनल और एक समर्पित पंप रूम शामिल है। इस पूरे सिस्टम की कुल लागत पंपरूम सहित 34 लाख रुपये रही है।
लोधी रोड और द्वारका के अलावा अफ्रीका एवेन्यू (850 मीटर, 30 पोल) और शांति पथ (900 मीटर, 30 पोल) पर भी ऐसे ही सिस्टम लगाए जा रहे हैं।
मंत्री ने बताया कि अगले चरण में 25 से अधिक दिल्ली की प्रमुख सड़कों जैसे भवन दास रोड, तिलक मार्ग, जाकिर हुसैन मार्ग, शाहजहाँ रोड, अशोक रोड, हनुमान मंदिर, खान मार्केट आदि को भी कवर किया जाएगा।
शॉपिंग मॉल और होटलों में लगानी होंगी रूफटॉप एंटी स्मॉग गन
मंत्री ने आगे बताया कि सरकार की व्यापक रणनीति के तहत पूरे वर्ष 1,000 वाटर स्प्रिंकलर, 140 एंटी-स्माग गन, 200 मैकेनिकल रोड स्वीपर, 70 इलेक्ट्रिक लिटर पिकर और 38 वाटर टैंकर तैनात किए जा रहे हैं। ऑनलाइन मानीटरिंग के लिए जीपीएस, कैमरा सेंसर और सेंट्रल डैशबोर्ड का उपयोग किया जा रहा है।
इसके अलावा 3000 वर्ग मीटर से बड़े सभी कमर्शियल हाईराइज बिल्डिंग—जैसे शॉपिंग मॉल और होटल—को भी अनिवार्य रूप से रूफटाॅप एंटी-स्माग गन लगाने का निर्देश दिया गया है। सी एंड डी साइटों पर अनुपालन की निगरानी के लिए एआई और डिजिटल टूल्स का उपयोग किया जा रहा है।
