चिनाब ब्रिज के निर्माण का श्रेय लेने से माधवी लता का इंकार, कहा- इसके पीछे भारतीय रेल व AFCONS

नई दिल्ली। सिविल इंजीनियरिंग का नायाब नमूना चिनाब ब्रिज (Chenab Bridge) बन कर तैयार है। यह दुनिया का सबसे ऊंचा रेल पुल है। बीते छह जून को पीएम मोदी ने इसका उद्घाटन किया।
इसके बाद इसे बनाने वाले खास किरदारों में बेंगलुरु स्थित इंडियन इंस्टीच्यूट ऑफ साइंस (IISc) की Geotechnical engineer और प्रोफेसर डॉ. जी माधवी लता का नाम सामने आया।
उद्योगपति आनंद महिंद्रा ने उनके ऊपर एक्स पर एक पोस्ट लिखी और उन्हें अपना आदर्श और मोटिवेशन तक बता डाला, लेकिन माधवी लता ने इस पुल का श्रेय लेने से शालीनता से इंकार कर दिया है। उन्होंने इसका श्रेय भारतीय रेल और कंस्ट्रक्शन कंपनी एफकॉन को दिया है।
लिंक्डइन पर लिखा लंबा पोस्ट
माधवी लता ने पिछले दिनों लिंक्डइन पर एक लंबा पोस्ट लिखा। इसमें उन्होंने लिखा कि चिनाब पुल का श्रेय मुझे मत दें। उन्होंने लिखा है “भारत को चिनाब रेलवे पुल के उद्घाटन पर बहुत-बहुत बधाई।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसका उद्घाटन किया। यह पुल सिविल इंजीनियरिंग का अद्भुत नमूना है। इसकी योजना, डिजाइन और निर्माण का पूरा श्रेय भारतीय रेलवे और AFCONS को जाता है।”
वह लिखती हैं “हजारों लोगों ने इस पुल को बनाने में अलग-अलग तरह से योगदान दिया है। लाखों गुमनाम नायकों को आज मैं सलाम करती हूं। AFCONS के लिए एक भू-तकनीकी सलाहकार (Geotechnical Consultant) के रूप में मेरी भूमिका ढलान स्थिरीकरण योजनाओं (Slope stabilization schemes) को विकसित करने और ढलान पर नींव के डिजाइन में मदद करना था।”
निराधार हैं मीडिया में छपे आलेख
वह लिखती हैं कि पुल के उद्घाटन के बाद मीडिया में आए आलेख में कहा गया है कि “महिला ने मिशन को पूरा किया”, “असंभव को संभव बनाया” और “पुल बनाने में चमत्कार किया”। ये सब मीडिया बयान निराधार हैं।
कई पिताओं ने मुझे लिखा है कि वे चाहते हैं कि उनकी बेटियां मेरे जैसी बनें। कई छोटे बच्चों ने मुझे लिखा है कि वे अब सिविल इंजीनियरिंग को अपने करियर के रूप में चुनना चाहते हैं। मुझे इस बारे में बहुत खुशी है।
सारा श्रेय भारतीय रेल को
आगे वह लिखती हैं “सभी भारतीयों को धन्यवाद जिन्होंने मुझे बधाई संदेश भेजे। कृपया याद रखें कि मैं उन हजारों लोगों में से एक हूं जो चिनाब पुल के लिए प्रशंसा के पात्र हैं। कृपया मुझे अनावश्यक रूप से प्रसिद्ध न करें। मैं अभी स्पेन में एक सम्मेलन में भाग ले रही हूं। मैं आप सभी से मेरी निजता का सम्मान करने का अनुरोध करती हूं। सारा श्रेय भारतीय रेलवे को जाता है।
