अब लखनऊ से कानपुर सिर्फ 45 मिनट में! रेलवे ने बढ़ाई ट्रेनों की रफ्तार

अब 45 मिनट में लखनऊ से कानपुर: रेलवे ने बढ़ाई रफ्तार, यात्रियों को मिलेगी बड़ी राहत
उत्तर प्रदेश की सबसे व्यस्ततम रेल लाइनों में शुमार कानपुर-लखनऊ रूट पर यात्रियों को अब लंबा इंतजार नहीं करना पड़ेगा। ट्रेनों की स्पीड बढ़ाने के लिए चल रहा ट्रैक सुधार कार्य लगभग पूरा हो चुका है, और अब इस मार्ग पर ट्रेनें 120 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ सकेंगी।
इस परिवर्तन से लखनऊ और कानपुर के बीच सफर का समय सवा घंटे से घटकर सिर्फ 40 से 45 मिनट रह जाएगा — और इसका सीधा फायदा मिलेगा रोजाना यात्रा करने वाले 60 हजार से अधिक यात्रियों को।
तेजस, शताब्दी, चित्रकूट… सभी सुपरफास्ट अब और भी फास्ट!
रेलवे अधिकारियों ने बताया कि स्वर्ण शताब्दी एक्सप्रेस, चित्रकूट एक्सप्रेस और तेजस एक्सप्रेस जैसी प्रमुख ट्रेनों की नई गति सीमा पर ट्रायल रन पहले ही हो चुके हैं और परिणाम संतोषजनक पाए गए हैं। जून 2025 से इस रूट पर सभी प्रमुख ट्रेनों की औसत रफ्तार 120 किमी/घंटा कर दी जाएगी।
आशुतोष सिंह, निदेशक, कानपुर सेंट्रल के अनुसार:
“यह सिर्फ रफ्तार की बात नहीं है, बल्कि यात्रा अनुभव में सुधार की दिशा में बड़ा कदम है। लोगों को अब कम समय में अधिक सुविधा मिलेगी।”
गंगा पुल पर भी बढ़ेगी रफ्तार — अब सिर्फ 10 नहीं, 45 किमी/घंटा से दौड़ेंगी ट्रेनें
शुक्लागंज के पुराने गंगा पुल की मरम्मत भी पूरी हो चुकी है। इस पुल पर पहले ट्रेनें सिर्फ 10 किमी/घंटा की स्पीड से चलती थीं, लेकिन अब 45 किमी/घंटा की रफ्तार से गुजर सकेंगी। इस बदलाव के लिए एच-बीम स्लीपर डाले गए, जिनका काम अप्रैल 2025 में तय समय से पहले ही पूरा कर लिया गया था।
कैसे हुआ सुधार? क्या बदला गया?
ट्रैक अलाइनमेंट और बैलास्टिंग का काम पूरा
सिग्नलिंग सिस्टम को अपग्रेड किया गया
ब्रिज और पुलिया की मरम्मत की गई
स्पीड ट्रायल और सेफ्टी क्लियरेंस लिए गए
ट्रांसपोर्ट का नया युग: रफ्तार और भरोसे का मेल
रेलवे मंत्रालय ने दिसंबर 2024 में ही ट्रैक निरीक्षण कर लिया था और तब से स्पीड इनहांसमेंट प्लान पर तेज़ी से काम शुरू हो गया था। ये बदलाव यात्री सुविधाओं और कनेक्टिविटी को बढ़ाने की दिशा में एक बड़ा कदम है।
इस रूट की तेज़ रफ्तार अब सिर्फ वक्त की बचत नहीं, बल्कि उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था को भी नई रफ्तार देगी।
