ऑनलाइन रजिस्ट्री कानून, संपत्ति विवादों और भ्रष्टाचार पर लगेगा ब्रेक

नई दिल्ली : तहसीलों में फैले भ्रष्टाचार और संपत्ति के बढ़ते विवादों से निपटने के लिए केंद्र सरकार एक बड़ा कदम उठाने जा रही है। अब संपत्ति पंजीकरण की प्रक्रिया पूरी तरह ऑनलाइन होगी। इसके लिए 117 साल पुराने पंजीकरण अधिनियम 1908 को बदलकर “पंजीकरण विधेयक 2025” लाया जा रहा है।
नए कानून के जरिए रजिस्ट्रियों में फर्जीवाड़ा, दोहरी बिक्री और जाली दस्तावेजों के मामलों पर रोक लगेगी। इसका मुख्य उद्देश्य भूमि रजिस्ट्रेशन सिस्टम, राजस्व न्यायालय और भूमि रिकॉर्ड सेंटर को ऑनलाइन एकीकृत करना है ताकि आम नागरिकों को पारदर्शी और भ्रष्टाचारमुक्त सेवा मिल सके।
केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय के भूमि संसाधन विभाग ने बताया कि वर्ष 2016 से चल रहे डिजिटल इंडिया लैंड रिकॉर्ड मॉडर्नाइजेशन प्रोग्राम (DILRMP) के अंतर्गत अब तक रजिस्ट्री सिस्टम को पूरी तरह डिजिटल नहीं किया जा सका क्योंकि मौजूदा कानून में ऑनलाइन रजिस्ट्री की अनुमति नहीं थी।
अब नए पंजीकरण कानून 2025 में स्पष्ट रूप से ऑनलाइन रजिस्ट्री का प्रावधान जोड़ा गया है। इससे सभी रजिस्ट्रेशन कार्यालयों को ऑनलाइन पंजीकरण स्वीकार करना अनिवार्य होगा।
संपत्ति विवाद की स्थिति:
निचली अदालतों में 66% मुकदमे जमीन से जुड़े होते हैं
हाई कोर्ट में भी 25% केस संपत्ति विवाद से जुड़े हैं
हर साल हजारों नागरिक फर्जी रजिस्ट्री और धोखाधड़ी का शिकार होते हैं
नए कानून के लाभ:
ऑनलाइन रजिस्ट्री को मिलेगी कानूनी मान्यता
फर्जीवाड़ा और दोहरी बिक्री पर रोक
अदालतों पर केस का बोझ घटेगा
नागरिकों को पारदर्शी सेवा
सभी भूमि रिकार्ड एक प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध
केंद्र सरकार का यह कदम देशभर में भूमि से जुड़े भ्रष्टाचार, विवाद और फर्जीवाड़े को रोकने में मील का पत्थर साबित हो सकता है। नया कानून पारदर्शिता बढ़ाएगा और आम लोगों को समय पर न्याय और सुविधा देगा।
