वायुसेना प्रमुख ने तेजस की देरी पर जताई चिंता

नई दिल्ली: पाकिस्तान के खिलाफ सफल ऑपरेशन ‘सिंदूर’ के बाद भारतीय सेना की सराहना हो रही है, लेकिन इसी बीच वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल एपी सिंह ने रक्षा आपूर्ति में हो रही देरी पर गंभीर चिंता जताई है। उन्होंने कहा कि कई बार रक्षा सौदों पर हस्ताक्षर तो हो जाते हैं, लेकिन उपकरण समय पर नहीं पहुंचते।
सीआईआई (CII) की सालाना बैठक में वायुसेना प्रमुख ने कहा कि अब तक एक भी रक्षा परियोजना समय पर पूरी नहीं हुई है। उन्होंने स्वदेशी लड़ाकू विमान तेजस एमके-1ए का उदाहरण देते हुए बताया कि मार्च 2024 से इसकी डिलीवरी शुरू होनी थी, लेकिन अब तक कोई आपूर्ति नहीं हुई है।
हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) से 83 तेजस विमानों के लिए करीब 48,000 करोड़ रुपये का समझौता हुआ था। लेकिन अमेरिकी कंपनी GE से आने वाले इंजन में दो साल से ज्यादा की देरी हो चुकी है। एयर चीफ मार्शल ने कहा कि ऐसी स्थिति में सेना की तैयारियों पर असर पड़ता है।
इसके अलावा उन्होंने पांचवी पीढ़ी के स्टील्थ विमान एएमसीए (AMCA) की भी बात की, जिसका प्रोटोटाइप अब तक तैयार नहीं है। हालांकि दो दिन पहले ही रक्षा मंत्रालय ने इस परियोजना को मंजूरी दी है।
वायुसेना प्रमुख ने कहा कि हमें सिर्फ भारत में उत्पादन ही नहीं, बल्कि डिजाइन और विकास पर भी ध्यान देना होगा। उन्होंने रक्षा उद्योग से वादा निभाने और सेना के साथ मजबूत साझेदारी की अपील की।
मुख्य बिंदु:
तेजस एमके-1ए की आपूर्ति में देरी
GE इंजन में दो साल से अधिक की देरी
एएमसीए का प्रोटोटाइप अभी तक नहीं आया
सेना की परियोजनाओं पर असर
उद्योग और सेना के बीच भरोसे की जरूरत
वायुसेना प्रमुख ने रक्षा उद्योग से स्पष्ट शब्दों में कहा है कि समय पर आपूर्ति न होने से देश की सुरक्षा पर असर पड़ सकता है। उन्होंने सभी संबंधित कंपनियों और एजेंसियों से मिलकर काम करने की अपील की, ताकि भविष्य की चुनौतियों का सामना किया जा सके।
