लखनऊ से बड़ी खबर! पर्यटन निगम में हो रहे भ्रष्टाचारियों का बड़ा खुलासा

लखनऊ: उत्तर प्रदेश राज्य पर्यटन विकास निगम (UPSTDC) के मुख्य महाप्रबंधक (CGM) नवीन कपूर की कुर्सी अब खतरे में नजर आ रही है। उन पर भारी भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं, और सरकार ने अब उन्हें हटाने की तैयारी शुरू कर दी है।
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, विजिलेंस जांच में उन पर लगे आरोप सही पाए गए हैं और रिपोर्ट अब सरकार को भेज दी गई है। ये मामला अब सिर्फ नवीन कपूर तक ही सीमित नहीं रहा, बल्कि जिन अधिकारियों ने उन्हें इस बड़े पद पर बैठाया, अब उन पर भी सवाल उठने लगे हैं।
पर्यटन विभाग, उत्तर प्रदेश के निचे दिए गए अधिकारीयों / कर्मचारियों के खिलाफ जांच लंबित है:
– अंजू चौधरी / क्षेत्रीय पर्यटन मंत्री
– राजेंद्र कुमार रावत / उप निदेशक पर्यटन
– राजेंद्र प्रसाद / उप निदेशक पर्यटन
– अनुपम श्रीवास्तव / क्षेत्रीय पर्यटन अधिकारी
– मनीष श्रीवास्तव / अपर सांख्यिकीय अधिकारी
– कीर्तिमान श्रीवास्तव / पर्यटन अधिकारी
– मनीषा चौधरी / सहायक पर्यटन अधिकारी
– मनीष श्रीवास्तव / पर्यटन सूचना अधिकारी
– मोहम्मद मक़बूल / पर्यटन सूचना अधिकारी
– रीना श्रीवास्तव
– अनिल सक्सेना / पर्यटन सूचना अधिकारी
– लोकेन्द्र कुमार / ड्राइवर ग्रेड 4
नवीन कपूर इससे पहले यूपी प्रोजेक्ट कारपोरेशन लिमिटेड में भी बड़े पद पर थे। लखनऊ के रहने वाले महेश श्रीवास्तव ने लोकायुक्त कार्यालय में शिकायत की थी कि कपूर ने अपनी आमदनी से कई गुना ज़्यादा संपत्ति बनाई है, और ठेकेदारों से कमीशन लेकर काम बांटे हैं। आरोप है कि उन्होंने नोएडा और गाजियाबाद में अपने करीबी लोगों के नाम पर मकान, दुकान और फैक्ट्री तक खरीद ली हैं। इस पर लोकायुक्त ने जनवरी 2024 में विजिलेंस जांच का आदेश दिया था, जिसकी रिपोर्ट अब सामने आ चुकी है। बताया जा रहा है कि पर्यटन विभाग के प्रमुख सचिव मुकेश कुमार मेश्राम ने खुद उनकी तैनाती पर सवाल उठाते हुए उन्हें हटाने की सिफारिश कर दी है।
वहीं, पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह का कहना है कि मामला उनके संज्ञान में है और अब यह देखा जाएगा कि नवीन कपूर को तैनात करने वाली समिति ने आखिर किस आधार पर उनका चयन किया था। मंत्री ने साफ कहा है, “इस मामले में कड़ी कार्रवाई होगी।” अब सवाल ये है की जहाँ सीएम योगी आदित्यनाथ एक तरफ जीरो टॉलरेंस नीति की बात करते हैं। वहीँ दूसरी तरफ इन भ्रष्टाचारियों को उतना ही मुख्य अधिकारी पद दिया गया। अब ये देखना दिलचस्प होगा की सीएम योगी आदित्यनाथ इन भ्रष्टाचारियों का खुलासा होने के बाद क्या सख्त क़दम उठाते है।
