राजस्थान में बन रहे प्रेशर ग्रिड का दिल्ली-एनसीआर पर असर, वायु गुणवत्ता सूचकांक पहुंचा 305 के पार

राजस्थान – राजस्थान में बन रहे प्रेशर ग्रिड का असर अब राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली और एनसीआर क्षेत्र में भी साफ तौर पर देखने को मिल रहा है। इस निर्माण कार्य के चलते दिल्ली की वायु गुणवत्ता में गिरावट दर्ज की गई है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) द्वारा साझा की गई जानकारी के अनुसार, शुक्रवार सुबह दिल्ली और एनसीआर का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 305 तक पहुंच गया, जो ‘बहुत खराब’ श्रेणी में आता है।
गुरुवार को दिल्ली और इसके आसपास के इलाकों में धूलभरी हवा दर्ज की गई थी। विशेषज्ञों ने पहले ही चेतावनी दी थी कि इस धूलभरी हवा का असर राजधानी में दो दिनों तक रह सकता है। यही कारण है कि शुक्रवार को भी प्रदूषण के स्तर में कोई खास सुधार नहीं देखा गया।
राजस्थान में प्रेशर ग्रिड निर्माण के चलते बड़े पैमाने पर ज़मीन की खुदाई और निर्माण गतिविधियाँ हो रही हैं, जिससे उठने वाली धूल हवाओं के साथ दिल्ली तक पहुंच रही है। मौसम विभाग और पर्यावरण विशेषज्ञों का मानना है कि अगर हवा की रफ्तार कम रही, तो प्रदूषण का यह स्तर कुछ और दिन तक बने रह सकता है।
वायु प्रदूषण में इस वृद्धि को देखते हुए दिल्ली-एनसीआर में लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी गई है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि इस स्तर की वायु गुणवत्ता अस्थमा, ब्रोंकाइटिस और अन्य श्वसन संबंधी बीमारियों से पीड़ित लोगों के लिए खतरनाक हो सकती है।
प्रशासन की ओर से प्रदूषण नियंत्रण के लिए कुछ क्षेत्रों में सड़क की सफाई, पानी का छिड़काव और निर्माण कार्यों पर नजर रखने जैसे उपाय किए जा रहे हैं, लेकिन लगातार बढ़ते प्रदूषण स्तर को देखते हुए और भी सख्त कदम उठाए जाने की आवश्यकता महसूस की जा रही है।
