राहुल गांधी को हिंदू धर्म से निष्कासित करने की घोषणा!!!!!!

एक तरफ देश की संसद में जनप्रतिनिधि अपनी बात रख रहे हैं, तो दूसरी तरफ साधु-संत राजनीतिक दावों के जवाब में धर्म की आड़ ले रहे हैं। अब ताज़ा विवाद उठ खड़ा हुआ है राहुल गांधी और एक कथित शंकराचार्य के बीच! उत्तर भारत के प्रसिद्ध ज्योतिष्पीठ के शंकराचार्य, स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने कांग्रेस सांसद राहुल गांधी को हिंदू धर्म से निष्कासित करने की घोषणा कर दी है। और वजह है, राहुल गांधी का संसद में दिया गया वो बयान… जिसमें उन्होंने मनुस्मृति को बलात्कारियों को संरक्षण देने वाला ग्रंथ बताया था।
14 दिसंबर 2024 लोकसभा की कार्यवाही के दौरान राहुल गांधी ने हाथरस गैंगरेप पीड़िता का मामला उठाया और कहा: “बलात्कारी खुले घूम रहे हैं, परिवार को घर में बंद किया गया… यह संविधान में नहीं, मनुस्मृति में लिखा है… और बीजेपी, संविधान नहीं, मनुस्मृति चला रही है।” अब इस बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए अविमुक्तेश्वरानंद ने न सिर्फ नाराजगी जताई, बल्कि राहुल गांधी को हिंदू धर्म से निष्कासित करने का एलान भी कर डाला। “लेकिन सवाल ये है। क्या किसी को यूं धर्म से निष्कासित किया जा सकता है? और क्या स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद को इतनी बड़ी धार्मिक शक्ति प्राप्त भी है?”
दरअसल, खुद शंकराचार्य की गद्दी विवादों में रही है। 2022 से ही उनकी ज्योतिष्पीठ पर नियुक्ति को लेकर सवाल उठते रहे हैं। परंपराएं पूरी नहीं हुईं, धार्मिक संगठनों की सहमति नहीं मिली, और कुछ ने तो उन्हें फर्ज़ी शंकराचार्य तक कह दिया। ध्यान देने वाली बात ये भी है कि अविमुक्तेश्वरानंद अक्सर अपने विवादित बयानों से चर्चा में रहते हैं — फिर चाहे वो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर टिप्पणी हो या अब राहुल गांधी को धर्म से निकालने का दावा।”धर्म और राजनीति के बीच की रेखा दिन-ब-दिन धुंधली होती जा रही है। लेकिन जब धर्म का इस्तेमाल राजनीति में ‘सस्ती लोकप्रियता’ के लिए हो — तो देश के करोड़ों आस्थावानों का भरोसा भी डगमगाने लगता है।”
