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पर्यटकों पर हमले के बाद दिल्ली में हलचल, गृहमंत्री ने की आपात बैठक

 पर्यटकों पर हमले के बाद दिल्ली में हलचल, गृहमंत्री ने की आपात बैठक
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जम्मू-कश्मीर : जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले ने देशभर को झकझोर कर रख दिया है। इस हमले के बाद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में एक उच्चस्तरीय बैठक बुलाई है। इस मीटिंग में सेना, इंटेलिजेंस एजेंसियों और गृह मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए।

बैठक का उद्देश्य स्थिति की समीक्षा, और आगे की सुरक्षा रणनीति को तय करना है। इसके अलावा सूत्रों के मुताबिक, अमित शाह जल्द ही कश्मीर का दौरा भी कर सकते हैं।

-“दोषियों को नहीं बख्शा जाएगा” – अमित शाह का सख्त संदेश

हमले पर प्रतिक्रिया देते हुए अमित शाह ने कहा:

“जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में पर्यटकों पर हुए आतंकी हमले से दुखी हूं। मेरी संवेदनाएं पीड़ित परिवारों के साथ हैं। इस जघन्य हमले में शामिल आतंकियों को बख्शा नहीं जाएगा। उन्हें कड़ी से कड़ी सज़ा दी जाएगी।”

-बैसराणा में हमला: पर्यटकों को बनाया गया निशाना

यह हमला पहलगाम के बैसराणा क्षेत्र में उस समय हुआ जब पर्यटकों का एक समूह घूमने निकला था। करीब 3 से 5 मिनट तक चली गोलीबारी के दौरान एक पर्यटक की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि 12 से अधिक लोग घायल हो गए। सभी को इलाज के लिए अनंतनाग के जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

चश्मदीद महिला ने बताया – ‘धर्म पूछकर मारी गोली’

इस हमले की एक चश्मदीद महिला पर्यटक ने जो बयान दिया, वह काफी चौंकाने वाला है। महिला के अनुसार:

“मैं और मेरे पति वहां थे। अचानक एक शख्स आया और मेरे पति को देखा। मेरे हाथ में चूड़ा देखकर उसने अंदाजा लगाया कि हम मुस्लिम नहीं हैं। उसने धर्म पूछा और फिर गोली मार दी।”

महिला ने तुरंत पीसीआर को कॉल कर घटना की जानकारी दी और मदद की गुहार लगाई।

घाटी में बड़े पैमाने पर सर्च ऑपरेशन शुरू

हमले के तुरंत बाद भारतीय सेना की विक्टर फोर्स, स्पेशल फोर्स, जम्मू-कश्मीर पुलिस की एसओजी और CRPF ने मिलकर सघन तलाशी अभियान शुरू कर दिया है।
सूत्रों के अनुसार, 15 कोर के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल प्रशांत श्रीवास्तव भी हेलिकॉप्टर से घटनास्थल पर पहुंचे हैं और ऑपरेशन की निगरानी कर रहे हैं।

विक्टर फोर्स के जवानों ने पहाड़ियों की ओर बढ़ते हुए आतंकियों की घेराबंदी शुरू कर दी है।

राजनीतिक स्तर पर भी हलचल तेज

हमले के बाद देशभर में राजनीतिक प्रतिक्रियाएं भी तेज़ हो गई हैं। सुरक्षा एजेंसियों पर कड़ी निगरानी और निगरानी बढ़ाने का दबाव बढ़ता जा रहा है। साथ ही यह भी देखा जा रहा है कि आतंकी गतिविधियों को जड़ से खत्म करने के लिए और क्या कदम उठाए जाएं। पहलगाम का यह आतंकी हमला न सिर्फ सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े करता है, बल्कि एक बार फिर यह दर्शाता है कि आतंकवाद अब आम लोगों को भी निशाना बना रहा है। सरकार की सख्ती और सेना की तत्परता से यह उम्मीद जताई जा रही है कि इस बार अपराधी जल्द गिरफ्त में होंगे और उन्हें उनके किए की सज़ा मिलेगी।

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