वक्फ (संशोधन) बिल राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के बाद कानून बनेगा, भाजपा सांसद की बड़ी प्रतिक्रिया

संसद के दोनों सदनों से पारित वक्फ (संशोधन) विधेयक अब राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के हस्ताक्षर के बाद कानून का रूप ले लेगा। इस पर भाजपा सांसद और पूर्व कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने महत्वपूर्ण बयान दिया है, जिसमें उन्होंने कहा कि यह विधेयक मुस्लिम महिलाओं को सशक्त बनाएगा और वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन में पारदर्शिता सुनिश्चित करेगा।
प्रसाद ने एनडीटीवी की बातचीत में कहा, “यह विधेयक मुस्लिम महिलाओं और हाशिए पर रहने वाले समुदाय के लोगों को लाभ पहुंचाएगा। किसी भी मस्जिद, पूजा स्थल या कब्रिस्तान को नहीं छुआ जाएगा।” उन्होंने स्पष्ट किया कि वक्फ कोई धार्मिक संस्था नहीं, बल्कि एक कानूनी या वैधानिक संस्था है। मुत्तवली केवल प्रबंधक है, जिसे संपत्ति पर कोई अधिकार नहीं है क्योंकि वक्फ बनने के बाद संपत्ति अल्लाह के पास होती है।
प्रसाद ने पूछा, “भारत में दुनिया की सबसे अधिक वक्फ संपत्तियां हैं, लेकिन कितने अस्पताल, विश्वविद्यालय या प्रशिक्षण केंद्र शुरू किए गए हैं? प्रबंधक क्या संपत्ति का सही उपयोग कर रहे हैं या बस अपनी जेबें भर रहे हैं?”
पारदर्शिता और डिजिटल परिवर्तन:
उन्होंने कहा कि अब वक्फ संपत्तियों की जानकारी ऑनलाइन उपलब्ध होगी। डिजिटलीकरण के जरिए यह पता लगाना आसान होगा कि कौन सी संपत्ति कहां है, मुत्तवली कौन है, और वाकिफ की मंशा के अनुसार संपत्ति का उपयोग कैसे हो रहा है।
राजनीतिक बदलाव पर बयान:
प्रसाद ने बताया कि भारतीय राजनीति में बड़ा बदलाव हो गया है। “अल्पसंख्यक समुदाय के युवा और पलनहार लोग भी अब बदल चुके हैं। कुछ लोग 1980 और 1990 के दशक के पुराने दलीलों से इस बदलाव को रोकने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन जनता अब जागरूक है।”
इस विधेयक के लागू होने के साथ ही वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन में नए युग की शुरुआत होने की उम्मीद है, जो पारदर्शिता और समानता के नए मानक स्थापित करेगा।
