लखनऊ पुलिस और वकीलों के बीच का विवाद लगातार तूल पकड़ता जा रहा

लखनऊ में होली की रात से शुरू हुआ लखनऊ पुलिस और वकीलों के बीच का विवाद लगातार तूल पकड़ता जा रहा था। तेजी से हो रही लखनऊ बार, अवध बार और सेंट्रल बार एसोसिएशन की बैठक के बाद सेंट्रल बार एसोसिएशन के अध्यक्ष ने मंगलवार देर शाम लखनऊ पुलिस को अल्टीमेटम देते हुए बुधवार को कमिश्नर ऑफिस के घेराव की चेतावनी दे दी, जिसके बाद लखनऊ पुलिस ने बैकफुट पर आते हुए विभूतिखंड थाने के 5 पुलिसकर्मियों को लाइन हाजिर कर दिया था।
आपको बता दें कि इस पूरे मामले को लेकर सेंट्रल बार एसोसिएशन के अध्यक्ष अरविंद कुमार कुशवाहा की ओर से मंगलवार देर शाम लखनऊ पुलिस को अल्टीमेटम देते हुए दोषी पुलिसकर्मियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की थी। इसके लिए पुलिस महकमे के उच्चाधिकारियों को बुधवार दोपहर 1 बजे तक का समय दिया गया था। अल्टीमेटम जारी होते ही लखनऊ पुलिस के आला अफसर एक्शन में आए और देखते ही देखते विभूतिखंड थाने में पंकज कुमार सिंह, अतिरिक्त निरीक्षक, सैय्यद अहमद मेंहदी जैदी, उपनिरीक्षक (SI), योगेश कुमार सेंगर, उपनिरीक्षक (SI), शुभम त्यागी, उपनिरीक्षक (UT) और अमित कुमार यादव, आरक्षी को लाइन हाजिर कर दिया गया।
रविवार को लखनऊ बार एसोसिएशन और सेंट्रल बार एसोसिएशन ने आपातकालीन बैठक बुलाई, जिसमें वकीलों की एकजुटता और विरोध प्रदर्शन को लेकर कई फैसले लिए गए। बैठक में 11 प्रस्ताव पारित किए गए, जिसमें 18 मार्च से सभी अधिवक्ताओं के कार्य बहिष्कार पर सहमति बनी। वकीलों का कहना है कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होतीं, तब तक हड़ताल जारी रहेगी।
