अफवाहों के चलते नागपुर में हुई हिंसा, औरंगजेब की कब्र पर विवाद के बाद बवाल

महाराष्ट्र के नागपुर में सोमवार को हालात तब बिगड़ गए जब औरंगजेब की कब्र को लेकर हुए विरोध प्रदर्शन के बाद दो गुटों के बीच हिंसक झड़प हो गई। देखते ही देखते शहर के महल और हंसापुरी इलाकों में पथराव और आगजनी शुरू हो गई, जिससे पूरा माहौल तनावपूर्ण हो गया। हालात इतने खराब हो गए कि पुलिस को लाठीचार्ज और आंसू गैस के गोले छोड़ने पड़े। हिंसा पर काबू पाने के लिए कई इलाकों में कर्फ्यू लगा दिया गया है।
हिंसा तब भड़की जब कुछ संगठनों ने औरंगजेब की कब्र के विरोध में प्रदर्शन किया। यह प्रदर्शन महल इलाके में छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा के पास हुआ। इस दौरान अचानक दो गुटों के बीच टकराव हो गया और पथराव शुरू हो गया। कुछ उपद्रवियों ने वाहनों में आग लगा दी और कई गाड़ियां तोड़ डालीं। पुलिस के डीसीपी निकेतन कदम पर भी हमला हुआ, जिससे वे गंभीर रूप से घायल हो गए और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया। दो अन्य पुलिसकर्मी भी घायल हुए हैं। नागपुर पुलिस ने स्थिति संभालने के लिए प्रोहिबिट्री ऑर्डर जारी किया है और अब तक 40 से 50 लोगों को हिरासत में लिया है। सीसीटीवी फुटेज और वीडियो के आधार पर आरोपियों की तलाश जारी है। पुलिस ने इस मामले में एफआईआर भी दर्ज कर ली है और पूरे इलाके में धारा 163 लागू कर दी गई है।
हिंसा भड़कने की असली वजह दो अफवाहें थीं। पहली अफवाह यह फैलाई गई कि एक धार्मिक ग्रंथ को नुकसान पहुंचाया गया है, जबकि दूसरी अफवाह थी कि किसी ने पवित्र चादर को आग लगा दी। हालांकि, पुलिस ने बाद में साफ किया कि ऐसा कुछ नहीं हुआ था, लेकिन तब तक माहौल बिगड़ चुका था।
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने नागपुर में हिंसा के बाद शांति बनाए रखने की अपील की है। सीएम फडणवीस ने कहा कि पुलिस हालात पर नजर बनाए हुए है और अफवाहों पर ध्यान न देने की अपील की। उन्होंने कहा कि पुलिस को सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं और दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।
नागपुर हिंसा का मामला अब संसद तक पहुंच गया है। कांग्रेस सांसद रेणुका चौधरी ने राज्यसभा में इस पर चर्चा के लिए कार्य स्थगन प्रस्ताव का नोटिस दिया है। कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने कहा कि नागपुर में जो कुछ हुआ, वह परेशान करने वाला है। उन्होंने बीजेपी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि 300 साल पुराने इतिहास को हथियार बनाकर समाज में नफरत फैलाई जा रही है। नागपुर पुलिस के मुताबिक, अब हालात काबू में हैं, लेकिन इलाके में भारी पुलिस बल तैनात है। डीसीपी अर्चित चांडक ने कहा कि यह घटना गलतफहमी के कारण हुई और अब सब नियंत्रण में है। उन्होंने लोगों से अपील की है कि वे घरों में रहें और किसी भी तरह की अफवाहों पर ध्यान न दें। पुलिस लगातार संदिग्धों की तलाश कर रही है और जल्द ही हिंसा में शामिल सभी लोगों पर कड़ी कार्रवाई होगी।
