फडणवीस का आरोप : कांग्रेस ने आदिवासी वीरों की भूमिका को नजरअंदाज किया
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कांग्रेस पर स्वतंत्रता संग्राम में आदिवासी वीरों की भूमिका को नजरअंदाज करने का गंभीर आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि पहले की कांग्रेस सरकारों ने जानबूझकर आदिवासी वीरों का इतिहास से हटा दिया है , ताकि उनके योगदान को भुलाया जा सके। यह टिप्पणी उन्होंने शनिवार को आयोजित ‘ जनजातीय गौरव दिवस ’ के अवसर पर कही , जिसमें आदिवासी स्वतंत्रता सेनानी बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती भी मनाई गई।
फडणवीस ने अपने भाषण में कहा कि आदिवासी समुदाय ने स्वतंत्रता संग्राम में कई वीरों का योगदान दिया है , जिन्हें इतिहास में उचित स्थान नहीं मिल पाया है। उन्होंने कहा , ” कांग्रेस सरकारों ने आदिवासियों की इस शौर्यगाथा को जानबूझकर भुलाने का प्रयास किया है। अब समय है कि हम उनके योगदान को सम्मानित करें और उनके गौरवमयी इतिहास को पुनः स्थापित करें। “
मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि उनकी सरकार आदिवासी समुदाय की जल , जमीन , जंगल और संस्कृति की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने बताया कि सरकार ने आदिवासी विकास के लिए कई योजनाएं शुरू की हैं , जिनमें आदिवासी आश्रम शालाओं का निर्माण , आर्थिक सहायता , महिला सशक्तिकरण और सड़क निर्माण जैसी पहलों का समावेश है। उन्होंने कहा कि इन योजनाओं का मुख्य उद्देश्य आदिवासी युवाओं को बेहतर शिक्षा, स्वास्थ्य और जीवनयापन के अवसर प्रदान करना है।
फडणवीस ने कहा कि सरकार ने आदिवासी छात्रों के लिए कई कल्याणकारी कदम उठाए हैं। इनमें आदिवासी आश्रम शालाओं का डिजिटलीकरण, उच्च शिक्षा योजनाएं और आवास सहायता शामिल हैं। उन्होंने बताया कि जिन आदिवासी छात्रों को आश्रम में प्रवेश नहीं मिल पाता , उन्हें 60,000 रुपये की आर्थिक सहायता दी जा रही है। साथ ही , महिलाओं के सशक्तिकरण और आदिवासी गांवों में सड़क निर्माण के प्रयास भी तेज किए गए हैं। इन पहलों का उद्देश्य आदिवासी समुदाय की जीवन गुणवत्ता को बेहतर बनाना है।
मुख्यमंत्री ने यह भी उल्लेख किया कि स्वास्थ्य सेवाओं के क्षेत्र में भी सरकार और केंद्र सरकार मिलकर काम कर रही हैं। उन्होंने कहा कि नई योजनाओं के माध्यम से आदिवासी समुदाय को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मिल रही हैं। इसके साथ ही , उन्होंने कहा कि सरकार आदिवासी आश्रम शालाओं का डिजिटलीकरण कर उच्च शिक्षा के लिए नई योजनाएं लागू कर रही है , ताकि आदिवासी छात्र अपने शैक्षणिक और व्यावसायिक लक्ष्यों को प्राप्त कर सकें।
इस मौके पर फडणवीस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भी जिक्र किया , जिन्होंने स्वतंत्रता संग्राम में आदिवासी समुदाय के योगदान को सम्मानित करने और उन्हें पहचान दिलाने के लिए अनेक कदम उठाने की बात कही है। मोदी ने कहा था कि आदिवासी वीरों के योगदान को सम्मानित करने के लिए किताबें लिखी जाएं, मूर्तियां बनाई जाएं और स्मारक स्थापित किए जाएं। फडणवीस ने इस संदेश को दोहराते हुए कहा कि सरकार इन सभी प्रयासों में संकल्पित है।
इस कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने भी बिरसा मुंडा को श्रद्धांजलि दी। गडकरी ने कहा कि केंद्र और महाराष्ट्र सरकार आदिवासी समुदाय के जल , जमीन और जंगल के विकास के लिए नई दिशा में काम कर रही हैं। उन्होंने कहा कि बिरसा मुंडा जैसे वीरों के योगदान को सम्मानित कर , हम उनके आदर्शों को जीवित रख सकते हैं और आदिवासी समुदाय के विकास में तेजी ला सकते हैं।
यह कार्यक्रम महाराष्ट्र के आदिवासी गौरव एवं स्वतंत्रता संग्राम के शौर्य का प्रतीक बन गया है। मुख्यमंत्री फडणवीस ने इस अवसर पर कहा कि सरकार का उद्देश्य है कि आदिवासी समुदाय को उनका हक मिले , उनके गौरवशाली इतिहास को सम्मान मिले, और वे अपने विकास के मार्ग पर अग्रसर हों। सरकार इन सभी पहलों के माध्यम से आदिवासी समुदाय की समृद्धि और स्वाभिमान को मजबूत करने का प्रयास कर रही है। – Report by : वंशिका माहेश्वरी



