Facebook Twitter Instagram youtube youtube

अलीगढ़ खबर : सरकारी साइटें हैक कर रोहिंग्या-घुसपैठियों के आधार कार्ड बनाए , STF ने गिरोह का किया पर्दाफाश

 अलीगढ़ खबर : सरकारी साइटें हैक कर रोहिंग्या-घुसपैठियों के आधार कार्ड बनाए , STF ने गिरोह का किया पर्दाफाश
Spread the love

अलीगढ़ : अलीगढ़ में सरकारी साइटों को हैक कर फर्जी आधार कार्ड बनाने वाले गिरोह का पर्दाफाश हुआ है , जिसने देशभर में सनसनी फैला दी है। एसटीएफ (साइबर ट्रैफिक फोर्स) ने इस गिरोह का खुलासा करते हुए क्वार्सी के जीवनगढ़ इलाके में स्थित एक जनसेवा केंद्र पर छापा मारा। इस कार्रवाई में दोनों मुख्य संचालक , साजिद हुसैन और नईमुद्दीन , को गिरफ्तार किया गया है। इनके खिलाफ मुकदमा दर्ज कर उन्हें जेल भेज दिया गया है। साथ ही , इस गिरोह का मुख्य सरगना अभी फरार है और उसकी तलाश में टीमें जुटी हैं। इस पूरे मामले की जांच अब क्वार्सी पुलिस कर रही है।

गिरोह ने सरकारी साइटों को हैक कर कूटरचित आधार कार्ड बनाए , जो न केवल भारतीय नागरिकों के बल्कि रोहिंग्या और अन्य घुसपैठियों के भी थे। इस नेटवर्क का संबंध पश्चिम बंगाल से शुरू होकर देश के कई हिस्सों तक फैला हुआ है। जांच में पता चला है कि यह गिरोह पश्चिम बंगाल , गुजरात , उत्तराखंड , झारखंड जैसे राज्यों में अपनी जाल बिछाए हुए था। आरोपी साजिद का पुराना संबंध आधार बनाने वाली एक कंपनी से था , जहां वह पहले काम करता था। उसकी मदद से गिरोह ने आधार कार्ड बनाने का बड़ा नेटवर्क खड़ा किया था।

एसटीएफ के सूत्रों के मुताबिक , इस गिरोह का मुख्य उद्देश्य रोजाना 30 से 50 आधार कार्ड बनाना था। इन आधार कार्डों का इस्तेमाल अवैध गतिविधियों, घुसपैठियों और फर्जीवाड़े के लिए किया जा रहा था। गिरोह के पास से बरामद चार लैपटॉप और अन्य उपकरणों की फॉरेंसिक जांच कराई जा रही है। इन उपकरणों में तीन वर्षों का डेटा मौजूद है , जिसे साइबर विशेषज्ञों की मदद से जांच की जा रही है। इसके जरिए पता लगाया जाएगा कि कितने लोगों ने इन फर्जी आधार कार्डों का इस्तेमाल किया , कितनी रकम इनसे प्राप्त हुई और इनके नेटवर्क में कौन – कौन लोग शामिल हैं।

गिरोह का संचालन दिल्ली के एक हैकर आकाश के द्वारा किया जा रहा था। पुलिस को इस बात का संदेह है कि आकाश ने उत्तराखंड , झारखंड , पश्चिम बंगाल और गुजरात जैसे राज्यों की सरकारी साइटों को हैक किया होगा। आरोपियों ने नकली जन्म प्रमाणपत्र, हस्ताक्षर और मुहर का इस्तेमाल कर आधार कार्ड बनाए। ये आधार कार्ड बनाने के लिए आवेदकों का नाम , पता , जन्म तारीख और अन्य जरूरी जानकारी भी फर्जी ढंग से तैयार की गई थी। इसके बाद इन आधार कार्डों का उपयोग कर कथित रूप से घुसपैठियों और अवैधिक गतिविधियों में शामिल लोगों का डेटा बनाया गया।

पुलिस और एसटीएफ की टीमें इन फरार आरोपियों की तलाश में जुटी हैं। मोबाइल फोन कॉल डिटेल रिकॉर्ड (सीडीआर) के आधार पर उनकी लोकेशनों का पता लगाने की कोशिश की जा रही है। अभी तक की जानकारी के मुताबिक , यह गिरोह देश के कई राज्यों में अपनी पहुंच बना चुका है और इसकी जड़ें बहुत गहरी हैं। कई राज्यों की सरकारी साइटों को हैक कर इन आधार कार्डों का निर्माण किया गया है , जिससे देश की सुरक्षा और नागरिकता प्रणाली को गंभीर खतरा हो सकता है।

पुलिस का कहना है कि इस गिरोह के गिरने से फर्जीवाड़े की यह जाल उजागर हुई है , जिसमें कई बड़े सवाल भी खड़े हुए हैं। सबसे बड़ा सवाल यह है कि आखिर इस नेटवर्क का मुख्य सरगना दिल्ली में कौन है और उसने कितने राज्यों में अपने नेटवर्क को फैलाया है। अभी तो जांच जारी है , और उम्मीद है कि जल्द ही इन सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर उनके नेटवर्क का पूरा भंडाफोड़ किया जाएगा। साइबर विशेषज्ञों की मदद से इस मामले की हर तह तक जांच की जा रही है ताकि यह पता चल सके कि कितने लोगों ने इन फर्जी आधार कार्डों का उपयोग किया है और इस पूरे खेल में और कौन – कौन शामिल हैं।

इस पूरे घटनाक्रम से स्पष्ट है कि सरकारी साइटों को हैक कर आधार कार्ड बनाने का यह गिरोह न केवल देश की सुरक्षा के लिए खतरनाक है , बल्कि नागरिकता प्रणाली में भी खामियां उजागर होती हैं। इस मामले में उच्च स्तरीय जांच चल रही है और पुलिस और साइबर विभाग हर संभव कदम उठा रहे हैं ताकि इस तरह के फर्जीवाड़े का अंत हो सके। नागरिकों को सतर्क रहने की जरूरत है और सरकार की आधिकारिक वेबसाइटों का ही उपयोग करने की सलाह दी जाती है। – Report by : वंशिका माहेश्वरी

 

 

 

Related post

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *