बरेली में जेई वायरस अलर्ट, बच्चा लकवाग्रस्त
बरेली (उत्तर प्रदेश ): बरेली जिले के दमखोदा ब्लॉक के इस्लामनगर और उधरा गांवों में जापानी इंसेफेलाइटिस (JE) वायरस का खतरा मंडरा रहा है। सितंबर में संक्रमित पाए गए एक बच्चे की कमर से नीचे का हिस्सा लकवाग्रस्त हो गया है, और उसकी मानसिक स्थिति भी कमजोर बताई जा रही है।
बच्चे के जेई की चपेट में आने के बाद पशुपालन विभाग ने इलाके के सूअरों के सैंपल आईवीआरआई (IVRI) में जांच के लिए भेजे।
रिपोर्ट में 90 फीसदी सूअर संक्रमित पाए गए।
मुख्य पशुचिकित्साधिकारी डॉ. मनमोहन पांडेय के अनुसार , “ बतौर सीरो सर्विलांस जांच में सूअरों के सैंपल में जेई वायरस संबंधित एंटीबॉडी पाई गई है। यानी सूअर संक्रमित हैं। मच्छर अगर इन्हें काटकर किसी स्वस्थ व्यक्ति को काटे तो वह भी संक्रमित हो सकता है। ”
बच्चे के संक्रमित मिलने के बाद स्वास्थ्य विभाग, मंडलीय और जिला सर्विलांस टीम सक्रिय हुई।
गांवों में मच्छरों का प्रकोप पाया गया और सूअर पालन फार्मों की मौजूदगी की पुष्टि हुई।
अधिकारियों ने ग्रामीणों को चेतावनी दी है :
. मच्छरदानी और मच्छररोधी उपकरणों का प्रयोग करें।
. सूअर बाड़ों में सफाई रखें, चूने का छिड़काव करें।
. सूअर की मौत पर शव का सही निस्तारण करें।
. बाहर से सूअर लाने पर रोक लगाई गई है।
साढ़े तीन साल के आकिब अली के लकवाग्रस्त होने की पुष्टि के बाद , शासन की ओर से एक लाख रुपये की आर्थिक सहायता दी जाएगी। यदि स्थिति गंभीर होकर मृत्यु होती है , तो परिजनों को 50 हजार रुपये की सहायता राशि दी जाएगी। बच्चे का इलाज अस्पताल में जारी है और स्वास्थ्य विभाग लगातार निगरानी कर रहा है।
स्वास्थ्य और पशुपालन विभाग ने ग्रामीणों से सतर्कता बरतने , साफ-सफाई बनाए रखने और मच्छर नियंत्रण उपायों को अपनाने की अपील की है।



