ऋषभ पंत पहुंचे गंगोत्री धाम, टीम इंडिया में वापसी के लिए मां गंगा से की प्रार्थना, फैन्स का भी जीता दिल
टीम इंडिया के स्टार विकेटकीपर-बल्लेबाज ऋषभ पंत का गंगोत्री धाम पहुंचना इन दिनों क्रिकेट प्रेमियों और फैंस के बीच चर्चा का विषय बना हुआ है। उनके इस दौरे की तस्वीरें और वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं, जिनमें वह मां गंगा से इंटरनेशनल क्रिकेट में जल्द वापसी की प्रार्थना करते नजर आ रहे हैं। हाल ही में हुए इस पवित्र यात्रा में उनके साथ राहुल तेवतिया भी मौजूद थे, जिन्होंने उनके साथ श्रद्धा और आस्था के इस अनोखे पल को साझा किया। पंत की यह सादगी और श्रद्धा देखकर उनके प्रशंसक काफी प्रभावित हुए हैं, और उन्होंने उनके इस कदम की बहुत सराहना की है।
गंगोत्री धाम का दौरा और पूजा-अर्चना
भारतीय क्रिकेट टीम के स्टार खिलाड़ी ऋषभ पंत ने अपनी यात्रा की शुरुआत गंगोत्री धाम से की। गंगोत्री हिमालय की तलहटी में स्थित यह धाम अपने आध्यात्मिक महत्व और धार्मिक परंपराओं के लिए प्रसिद्ध है। यहां पहुंचकर पंत ने गंगा घाट पर विशेष पूजा-अर्चना की, जहां उन्होंने मां गंगा से अपने खेल जीवन में सफलता और स्वास्थ की कामना की। उनके साथ राहुल तेवतिया भी थे, जिन्होंने इस दौरान उनके साथ श्रद्धा और भक्ति के पल बिताए।
पंत ने मंदिर दर्शन भी किए और तीर्थ पुरोहितों से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने अपने प्रशंसकों के साथ तस्वीरें खिंचवाईं और इस पवित्र स्थल पर करीब एक घंटे बिताया। उनके इस सादगीपूर्ण और श्रद्धापूर्ण रवैये ने फैंस का दिल जीत लिया है। पूजा-अर्चना के बाद दोनों क्रिकेटर हर्षिल के लिए रवाना हुए, जहां उन्हें उम्मीद है कि उनकी यह यात्रा शुभ संकेत लेकर आएगी।
चोट और रिहैब की प्रक्रिया
बता दें कि ऋषभ पंत हाल ही में इंग्लैंड दौरे पर हुए मैनचेस्टर टेस्ट के दौरान चोटिल हो गए थे। उस मैच में उन्होंने क्रिस वोक्स के खिलाफ रिवर्स स्वीप शॉट खेलने की कोशिश की, लेकिन उसी दौरान उनके पैर में फ्रैक्चर हो गया। गेंद लगने के बाद उन्हें मैदान छोड़ना पड़ा और वह कंट्रोल्ड एंकल मोशन (CAM) बूट में नजर आए। यह चोट उनके करियर के लिए एक बड़ा झटका थी, लेकिन उन्होंने अपनी जुझारू भावना का परिचय देते हुए अगले ही दिन क्रिकेट में वापसी की और शानदार पचासा जड़ा।
उनकी इस जुझारू मानसिकता ने सभी को प्रेरित किया है। हालांकि, ओवल में हुए अंतिम टेस्ट मैच में वह नहीं खेल पाए थे, लेकिन उनकी चोट से वापसी की कहानी हर क्रिकेट प्रेमी के लिए मिसाल बन गई है। चोट से उबरने के बाद पंत ने फिटनेस पर विशेष ध्यान दिया है, और अब वह दिल्ली के दूसरे दौर के रणजी मैच में खेलने की उम्मीद कर रहे हैं।
रिहैब और फिटनेस का ध्यान
पंत ने हाल ही में बेंगलुरु में भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) के सेंटर ऑफ एक्सीलेंस (COE) में अपनी पुनर्वास प्रक्रिया शुरू की है। उनके रिहैब के दौरान उनकी देखरेख स्पेशलिस्ट डॉक्टरों और फिजियोथेरेपिस्ट की टीम कर रही है। इस पूरी प्रक्रिया का मकसद है कि वह जल्द से जल्द पूरी तरह फिट होकर मैदान पर लौट सकें।
खास बात यह है कि चोट के बावजूद पंत की फिटनेस का स्तर अच्छा बना हुआ है, और वे अपने अगले टारगेट पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। अब उनका अगला लक्ष्य 14 नवंबर से शुरू होने वाली घरेलू टेस्ट सीरीज है, जिसमें दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ खेलने का मौका मिल सकता है। यह सीरीज उनके करियर में महत्वपूर्ण मानी जा रही है क्योंकि इससे पहले वे वेस्टइंडीज के खिलाफ टेस्ट सीरीज का हिस्सा नहीं बन सके थे।
इंटरनेशनल क्रिकेट में वापसी की उम्मीदें
पंत का सपना है कि वे जल्द से जल्द इंटरनेशनल क्रिकेट में वापसी करें। उनके प्रशंसक भी उम्मीद कर रहे हैं कि उनकी मेहनत और श्रद्धा उन्हें फिर से भारतीय टीम में जगह दिलाएगी। उनके पास इस समय अपनी फिटनेस को सुधारने का अच्छा मौका है, और वह इसके लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं।
उनके करियर का अगला बड़ा इवेंट दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ घरेलू टेस्ट सीरीज है, जो उनके लिए फिर से वापसी का अवसर है। यदि वह इस सीरीज में अच्छा प्रदर्शन करते हैं, तो यह उनके भविष्य के लिए नई राह खोल सकता है। पंत का मानना है कि कठिनाइयों से लड़कर ही सफलता मिलती है, और वह अपने अनुशासन और जज्बे के साथ मैदान पर वापसी करने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं।
फैंस और सोशल मीडिया पर प्रतिक्रिया
ऋषभ पंत की इस श्रद्धालु यात्रा और उनके सादगीपूर्ण रवैये को देखकर सोशल मीडिया पर प्रशंसकों ने बहुत तारीफ की है। उनके फैंस का कहना है कि यह यात्रा उनके लिए नई ऊर्जा और प्रेरणा का स्रोत है। कई फैंस ने कहा कि पंत जैसे खिलाड़ी जब अपने धर्म और आस्था का सम्मान करते हैं, तो इससे उनकी मानसिक मजबूती और भी बढ़ जाती है।
उनके साथ राहुल तेवतिया का भी यह कदम प्रशंसकों के बीच चर्चा का विषय बना रहा है। दोनों क्रिकेटर अपने क्रिकेट से ज्यादा अपने जीवन के इस आध्यात्मिक पहलू को लेकर भी चर्चा में हैं। यह दर्शाता है कि खिलाड़ी न केवल मैदान पर बल्कि जीवन के अन्य पहलुओं में भी संतुलन बनाए रखते हैं। ऋषभ पंत का गंगोत्री धाम पहुंचना उनके खेल जीवन में नई ऊर्जा और सकारात्मकता लेकर आया है। उनकी यह यात्रा उनके फैंस के लिए प्रेरणा का स्रोत है कि कठिनाइयों का सामना श्रद्धा और धैर्य से करना चाहिए। उनके इस कदम से यह भी साबित होता है कि खेल के साथ-साथ आस्था और श्रद्धा का मेल भी जीवन को समृद्ध बनाता है।
अब देखना यह है कि क्या उनकी यह श्रद्धा और मेहनत उन्हें इंटरनेशनल क्रिकेट में जल्द ही वापसी का रास्ता दिखाएगी। उनकी अगली मंजिल है दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ घरेलू टेस्ट सीरीज, जिसमें उनके प्रदर्शन का सभी को इंतजार रहेगा। पंत का यह सफर निश्चित ही उनके करियर का नया अध्याय साबित होने वाला है।



