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सीएम योगी का दिवाली तोहफा: 28 लाख कर्मचारियों और पेंशनरों को 3% महंगाई भत्ता बढ़ोतरी

 सीएम योगी का दिवाली तोहफा: 28 लाख कर्मचारियों और पेंशनरों को 3% महंगाई भत्ता बढ़ोतरी
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यूपी सरकार द्वारा कर्मचारियों और पेंशनरों के लिए एक अच्छी खबर है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने महंगाई भत्ते (डीए) और महंगाई राहत (डीआर) में 3 प्रतिशत की वृद्धि की घोषणा की है। इस निर्णय से लगभग 16.35 लाख कर्मचारियों और 11.52 लाख पेंशनरों को लाभ मिलेगा। पहले इन भत्तों की दर 55 प्रतिशत थी, जिसे अब बढ़ाकर 58 प्रतिशत कर दिया गया है। यह नई दर 1 जुलाई 2025 से लागू होगी।

इस कदम का उद्देश्य कर्मचारियों और पेंशनरों की आर्थिक स्थिति को मजबूत करना है। मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि सरकार उनके हितों का पूरा ध्यान रखती है और महंगाई जैसी चुनौतियों से राहत देने के लिए यह निर्णय लिया गया है। महंगाई भत्ते और राहत से न केवल उनके जीवनस्तर में सुधार होगा, बल्कि त्योहारों के समय में आर्थिक गतिविधियों को भी बढ़ावा मिलेगा। इससे प्रदेश की अर्थव्यवस्था को भी नई गति मिलेगी।

हालांकि, इस बढ़ोतरी का वित्तीय बोझ सरकार पर पड़ रहा है। अनुमानित तौर पर, मार्च 2026 तक इस फैसले से सरकार पर 1960 करोड़ रुपये का अतिरिक्त वित्तीय भार आएगा। सरकार ने निर्देश दिया है कि यह बढ़ा हुआ भत्ता अक्टूबर से नकद रूप में दिया जाए। इसके तहत नवंबर 2025 में लगभग 795 करोड़ रुपये का अतिरिक्त नकद व्यय आएगा। साथ ही, पुराने पेंशन स्कीम (ओपीएस) से जुड़े कर्मचारियों के जीपीएफ में भी 185 करोड़ रुपये जमा किए जाएंगे। इसके अलावा, जुलाई से सितंबर 2025 के बीच हुए एरियर भुगतान पर 550 करोड़ रुपये से अधिक का भार आएगा। दिसंबर 2025 से हर महीने करीब 245 करोड़ रुपये का अतिरिक्त व्यय सरकार को वहन करना होगा।

यह बढ़ोतरी न केवल सरकारी विभागों के नियमित कर्मचारियों को लाभान्वित करेगी, बल्कि सहायता प्राप्त शिक्षण संस्थानों, प्राविधिक शिक्षण संस्थानों, शहरी स्थानीय निकायों के कर्मचारियों, कार्यप्रभारित कर्मचारियों और यूजीसी वेतनमान वाले कर्मचारियों को भी इसका सीधा फायदा मिलेगा। इससे उनकी क्रयशक्ति में सुधार होगा और वे त्योहारों के सीजन में अधिक आर्थिक स्थिरता महसूस कर सकेंगे।

यह कदम प्रदेश के कर्मचारियों और पेंशनरों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने के साथ ही सरकार की कल्याणकारी नीतियों का प्रतीक है। इसके माध्यम से सरकार ने यह दिखाया है कि वह अपने कर्मचारियों के हितों के प्रति प्रतिबद्ध है और उन्हें महंगाई जैसी चुनौतियों से राहत देना चाहती है। इस निर्णय से प्रदेश में आर्थिक गतिविधियों में भी तेजी आएगी, जिससे सभी वर्गों को लाभ मिलेगा।

सामाजिक और आर्थिक दृष्टिकोण से, यह निर्णय प्रदेश की विकास यात्रा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। इससे न केवल कर्मचारियों का मनोबल बढ़ेगा, बल्कि त्योहारों के दौरान आर्थिक गतिविधियों में भी तेजी आएगी। सरकार का यह कदम निश्चित रूप से प्रदेश की जनता के लिए एक शुभ संकेत है और इससे प्रदेश की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी।

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