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ट्रंप का दावा – भारत जल्द रूस से तेल की खरीदी बंद कर देगा

 ट्रंप का दावा – भारत जल्द रूस से तेल की खरीदी बंद कर देगा
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अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बुधवार को दावा किया कि भारत जल्द ही रूस से तेल की खरीद को घटा देगा। ट्रंप ने पत्रकारों से बातचीत के दौरान कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें भरोसा दिलाया है कि भारत रूस से तेल खरीदना बंद कर देगा। ट्रंप के इस बयान के बाद वैश्विक बाजारों और राजनीतिक हलकों में हलचल मच गई है।

अमेरिकी टैरिफ और पृष्ठभूमि

हाल ही में अमेरिकी प्रशासन ने भारत पर रूस से तेल खरीदने के लिए 25% अतिरिक्त टैरिफ लगाया था।
अमेरिका का कहना है कि यह कदम यूक्रेन युद्ध के दौरान रूस पर आर्थिक दबाव बढ़ाने के लिए उठाया गया था।

ट्रंप ने कहा — “ प्रधानमंत्री मोदी ने मुझे भरोसा दिया है कि रूस से अब तेल खरीद नहीं होगी। यह तुरंत नहीं हो सकता , लेकिन यह प्रक्रिया जल्द खत्म हो जाएगी। ”

ट्रंप के मुताबिक ,अगर भारत रूस से तेल खरीदना बंद करता है , तो रूस – यूक्रेन संघर्ष विराम कराने में आसानी होगी। उन्होंने यह भी कहा कि संघर्ष समाप्त होने के बाद भारत फिर से रूस से तेल खरीद सकता है।

भारत की प्रतिक्रिया

. भारत सरकार की ओर से अभी तक इस दावे की कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है।
. भारत ने अब तक अमेरिकी दबावों और टैरिफ के बावजूद रूस से तेल खरीदना जारी रखा है।
. भारत का कहना है कि यह उसकी स्वतंत्र विदेश नीति और ऊर्जा सुरक्षा रणनीति का हिस्सा है।

भारत लंबे समय से यह कहता आया है कि वह अपनी ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने के लिए विविध स्रोतों से तेल खरीदता रहेगा —
और रूस इस नीति में एक महत्वपूर्ण आपूर्तिकर्ता बना हुआ है।

आंकड़ों में सच्चाई

1. अप्रैल से सितंबर 2025 के बीच रूस से तेल आयात में लगभग 8.4% की गिरावट दर्ज की गई।
2. सितंबर 2025 में भारत ने रूस से 45 लाख बैरल प्रतिदिन तेल खरीदा — यह अगस्त से 70 हजार बैरल अधिक था, लेकिन 2024 की तुलना में थोड़ा कम।
3. सितंबर में भारत ने रूस से लगभग ₹25,597 करोड़ (2.5 बिलियन डॉलर) का तेल खरीदा।
4. रूस अभी भी भारत का दूसरा सबसे बड़ा तेल आपूर्तिकर्ता है — सितंबर में कुल आयात का 34% हिस्सा रूस से आया (जून में यह 36% था)।
5. सरकारी कंपनियों ने जून से सितंबर के बीच रूस से खरीद 45% तक घटाई , जबकि निजी कंपनियों ने पश्चिम एशिया और अमेरिका से नई डील्स के जरिए आयात बनाए रखा।

ट्रंप का दावा इस समय कूटनीतिक बयान ज्यादा लगता है, न कि तत्काल नीति परिवर्तन। भारत ने अब तक किसी आधिकारिक योजना की घोषणा नहीं की है और आंकड़े यह दिखाते हैं कि रूस से तेल व्यापार जारी है , हालाँकि कुछ गिरावट जरूर दर्ज की गई है।

 

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