डोनाल्ड ट्रंप के भारत पर लगाए गए 50% टैरिफ का भारतीय कपड़ा उद्योग पर गंभीर प्रभाव
अमेरिका-चीन व्यापार तनाव के बीच भारत सहित कई देशों को ट्रंप सरकार के नए टैरिफ नियमों का भारी खामियाजा भुगतना पड़ रहा है। खासतौर पर भारतीय कपड़ा उद्योग इस टैरिफ वॉर का सीधा शिकार बना है, जहां निर्यात में भारी गिरावट दर्ज की गई है। हाल ही में किए गए एक सर्वे में यह सामने आया है कि अमेरिका द्वारा भारतीय वस्तुओं पर 50% के टैरिफ लगाए जाने के बाद भारतीय कपड़ा व्यवसाय बुरी तरह प्रभावित हुआ है, और इससे उद्योग को खासा नुकसान हुआ है।
ट्रंप के डबल टैरिफ का असर: भारतीय कपड़ा उद्योग पर संकट
अमेरिका ने पहले भारत पर 25% का टैरिफ लगाया था, लेकिन अगस्त महीने के अंत में रूस से तेल और हथियारों की खरीद को मुद्दा बनाते हुए इसे बढ़ाकर 50% कर दिया। इस कदम का भारतीय निर्यातकों और कारोबारी समुदाय पर नकारात्मक प्रभाव पड़ा है। भारत का कपड़ा और परिधान सेक्टर अमेरिका का सबसे बड़ा बाजार है, जहां भारत का करीब 28% निर्यात होता है। ऐसे में यह टैरिफ भारतीय व्यापारियों के लिए बहुत ही चिंता का विषय बन गया है।
सर्वे रिपोर्ट: ऑर्डर में भारी गिरावट और कारोबार का बिखराव
कंफेडेरेशन ऑफ इंडियन टेक्सटाइल इंडस्ट्री (CITI) ने इस मुद्दे पर एक व्यापक सर्वेक्षण किया है, जिसमें भारतीय कपड़ा उद्योग की वर्तमान स्थिति का आकलन किया गया है। सर्वे के निष्कर्ष बताते हैं कि इस टैरिफ के लागू होने के बाद से निर्यात में लगभग 50% की गिरावट दर्ज की गई है। उद्योग से जुड़ी लगभग 85% कंपनियों ने बताया कि ऑर्डर की संख्या में भारी कमी आई है, और इन्वेंट्री भी बढ़ रही है।
सर्वे में शामिल लगभग दो-तिहाई उत्तरदाताओं ने कहा कि उन्हें अपने खरीदारों को औसतन 25% तक छूट देनी पड़ रही है ताकि वे ऑर्डर प्राप्त कर सकें। फिर भी, करीब एक तिहाई व्यवसायियों ने स्वीकार किया कि उनके कारोबार में 50% से अधिक की गिरावट आई है। इस गिरावट का मुख्य कारण अमेरिकी खरीदारों द्वारा भारी छूट की मांग और ऑर्डर रद्द करना है। करीब 25% ने कहा कि टैरिफ के कारण उनके ऑर्डर रद्द या टाले गए हैं, जिससे कारोबार बिखर रहा है।
भारतीय कपड़ा उद्योग पर अमेरिका का प्रभाव
अमेरिका भारत का सबसे बड़ा निर्यात बाजार है। भारत का कपड़ा सेक्टर अमेरिका में अपने कुल एक्सपोर्ट का लगभग 28% हिस्सा भेजता है। लेकिन ट्रंप सरकार के नए टैरिफ ने इस सेक्टर को भारी नुकसान पहुंचाया है। इस वजह से भारत की तुलना में बांग्लादेश और वियतनाम जैसे प्रतिस्पर्धी देश अधिक लाभान्वित हो रहे हैं, क्योंकि वहां पर टैरिफ की दरें कम हैं—लगभग 20%। इससे दोनों देशों को भारत की तुलना में अधिक निर्यात मिल रहा है।
भारत की चुनौतियां और सरकार की उम्मीदें
भारत पर उच्च टैरिफ के चलते, देश का कपड़ा उद्योग अपने प्रतिस्पर्धियों से पिछड़ रहा है। निर्यात में गिरावट और ऑर्डर की कमी ने उद्योग को आर्थिक संकट में डाल दिया है। उद्योग प्रतिनिधियों और व्यापार संगठनों का मानना है कि सरकार को इस स्थिति में राहत प्रदान करनी चाहिए ताकि भारतीय निर्यातक फिर से प्रतिस्पर्धा कर सकें।
कुछ विशेषज्ञों का कहना है कि भारत को अमेरिका के साथ व्यापार समझौते में नए प्रावधान लाने चाहिए, ताकि टैरिफ की मार से उद्योग को राहत मिल सके। इसके अलावा, सरकार को घरेलू उद्योग को समर्थन देने के लिए सब्सिडी, टेक्नोलॉजी अपग्रेडेशन, और निर्यात को प्रोत्साहित करने वाले कदम उठाने चाहिए। इससे उद्योग को फिर से गति मिलेगी और रोजगार के अवसर भी बनेंगे।डोनाल्ड ट्रंप के भारत पर लगाए गए 50% टैरिफ का भारतीय कपड़ा उद्योग पर गहरा असर पड़ा है। ऑर्डर की भारी कमी, कारोबार में गिरावट और निर्यात में कटौती जैसी चुनौतियों का सामना कर रहे इस सेक्टर को सरकार से तत्काल राहत की उम्मीद है। यदि सरकार जल्द ही कदम नहीं उठाती है, तो भारतीय कपड़ा उद्योग का वैश्विक प्रतिस्पर्धा में बने रहना मुश्किल हो सकता है। वहीं, यह स्थिति भारत के निर्यात नीति और व्यापार संबंधों के लिए भी एक बड़ा संकेत है कि वैश्विक व्यापार तनाव का असर घरेलू उद्योग पर सीधे तौर पर पड़ रहा है।



