उत्तराखंड कैबिनेट ने लिए 8 प्रमुख फैसले, मिनी आंगनवाड़ी को पूर्ण केंद्र बनाने का निर्णय
उत्तराखंड की देहरादून में सोमवार को हुई कैबिनेट बैठक में कई महत्वपूर्ण प्रस्तावों को मंजूरी दी गई। इस बैठक में शामिल निर्णय राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में विकास और प्रशासनिक सुधार की दिशा में अहम कदम साबित होंगे। इन प्रस्तावों का उद्देश्य राज्य के नागरिकों के जीवन स्तर को बेहतर बनाना, सरकारी सेवाओं में पारदर्शिता लाना और राज्य की आर्थिक स्थिति को मजबूत करना है।
सबसे पहले, मिनी आंगनवाड़ी केंद्रों को पूर्ण आंगनवाड़ी केंद्र बनाने का निर्णय लिया गया है। इससे ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में बच्चों के लिए बेहतर पोषण और शिक्षा सुविधाएं उपलब्ध कराई जा सकेंगी। वर्तमान में कई मिनी आंगनवाड़ियों को संसाधनों की कमी के कारण पूर्ण आंगनवाड़ी में परिवर्तित करने की आवश्यकता महसूस की जा रही थी। इस कदम से बच्चों के विकास में सुधार होने की उम्मीद है।
इसके अलावा, उत्तराखंड सरकार ने सुपरवाइजर पदों पर कार्यकर्ताओं को 50% सीधा प्रमोशन देने का निर्णय लिया है। यह कदम कार्यकर्ताओं के मनोबल को बढ़ावा देगा और उन्हें अपने कार्य में अधिक जिम्मेदारी के साथ बेहतर प्रदर्शन करने के लिए प्रेरित करेगा। सुपरवाइजर पद पर प्रमोशन में सीधे आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं का चयन करने से कर्मचारियों का उत्साह बढ़ेगा और सेवा की गुणवत्ता में सुधार होगा।
देहरादून के रायपुर क्षेत्र के आसपास के फ्रीज जोन में छोटे घरों और दुकानों को राहत दी गई है। सरकार ने इन क्षेत्रों में छोटे मकानों और दुकानों को निर्माण या विस्तार की अनुमति प्रदान की है, ताकि स्थानीय लोगों को आवास और व्यापार की सुविधाएं मिल सकें। यह कदम क्षेत्र की आवासीय और व्यावसायिक आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए महत्वपूर्ण है।
सार्वजनिक क्षेत्र के निगमों के लिए एक और बड़ा फरमान सुनाया गया है। अब इन निगमों को अपने शुद्ध लाभ का 15% राज्य सरकार को देना अनिवार्य कर दिया गया है। इससे राज्य को वित्तीय संसाधनों में वृद्धि होगी, जिसका इस्तेमाल विकास कार्यों, सामाजिक योजनाओं और अन्य जरूरी परियोजनाओं में किया जाएगा। यह कदम सरकारी वित्तीय स्थिति को मजबूत बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है।
स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं के हित में भी निर्णय लिया गया है। अब स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को 5 साल की संतोषजनक सेवा पूरी करने के बाद अन्य जनपदों में एक बार तबादला करने और पदोन्नति के साथ स्थिरीकरण का लाभ मिलेगा। इससे स्वास्थ्य विभाग में कार्यरत कर्मचारियों का मनोबल बढ़ेगा और बेहतर सेवाएं सुनिश्चित होंगी। इस कदम का उद्देश्य स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता को ऊंचा उठाना है।
इसके अलावा, उत्तराखंड राज्य स्थापना के 25 वर्ष पूरे होने पर एक विशेष विधानसभा सत्र आयोजित करने का निर्णय भी लिया गया है। मुख्यमंत्री को इस सत्र के आयोजन का अधिकार प्रदान किया गया है। इस विशेष सत्र में राज्य की उपलब्धियों का जश्न मनाने और आगे के विकास के लिए नई योजनाएं बनाने की योजना है। यह कदम राज्य की उपलब्धियों को संजोने और उसकी प्रगति का उत्सव मनाने के लिए अहम है।
समान नागरिक संहिता के तहत विवाह के रजिस्ट्रेशन के नियमों में भी बदलाव किया गया है। अब नेपाली, भूटानी और तिब्बती नागरिक विदेशी नागरिक के रूप में मान्य होंगे और उनके विवाह का रजिस्ट्रेशन भी वैध माना जाएगा। इससे इन नागरिकों को कानूनी सुरक्षा मिलेगी और उनका जीवन आसान होगा।
पदोन्नति और स्थिरीकरण के संदर्भ में, सरकार ने सेवाकाल में एक बार ही लाभ देने का फैसला किया है। इसका उद्देश्य कर्मचारियों में स्थिरता और प्रदर्शन में सुधार लाना है। इससे सरकारी सेवाओं में अनुशासन और कार्यकुशलता बढ़ेगी।
अंत में, विधानसभा के मानसून सत्र के समापन को मंजूरी दी गई है। इसके साथ ही, उत्तराखंड स्थापना के 25 वर्षों की पूरी होने पर दो दिवसीय विशेष सत्र आयोजित करने का भी निर्णय लिया गया है। इससे राज्य के विकास और उपलब्धियों का उत्सव मनाया जाएगा।
सार्वजनिक क्षेत्र के निगमों के लिए भी एक बड़ा निर्णय लिया गया है। अब उन्हें अपने शुद्ध लाभ का 15% सरकार को देना अनिवार्य कर दिया गया है। इससे राज्य के वित्तीय संसाधनों में वृद्धि होगी और विकास कार्यों को गति मिलेगी।
इन सभी फैसलों का मुख्य उद्देश्य उत्तराखंड के सामाजिक, आर्थिक और प्रशासनिक सुधारों को गति देना है। इन कदमों से न केवल राज्य की विकास यात्रा मजबूत होगी, बल्कि नागरिकों को बेहतर सेवाएं भी उपलब्ध होंगी। यह सभी निर्णय उत्तराखंड के भविष्य को उज्जवल बनाने के दिशा में एक बड़ा कदम साबित होंगे।



