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लालू और कांग्रेस हाईकमान के बीच बातचीत से सीटों का पेच हल, संभव है यह हो सकता है फॉर्मूला

 लालू और कांग्रेस हाईकमान के बीच बातचीत से सीटों का पेच हल, संभव है यह हो सकता है फॉर्मूला
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बिहार विधानसभा चुनाव की तैयारियों में राजनीतिक दलों के बीच सीट बंटवारे का फॉर्मूला लगभग तय हो चुका है। महागठबंधन और एनडीए दोनों ही गठबंधन अपने-अपने सीट शेयरिंग को अंतिम रूप देने के लिए प्रयासरत हैं। महागठबंधन में सीटों के बंटवारे को लेकर शनिवार रात को हुई बैठक में अधिकांश सीटों पर सहमति बन गई है, जबकि कुछ सीटों पर अभी भी मतभेद बरकरार हैं। वहीं, एनडीए के घटक दलों की सीट शेयरिंग पर अंतिम दौर की बैठकें रविवार को दिल्ली में हो रही हैं, जिससे दोनों ही गठबंधनों की राजनीतिक हलचल तेज हो गई है।

महागठबंधन में सीट बंटवारे का फॉर्मूला तय

सूत्रों के अनुसार, बिहार विधानसभा चुनाव से पहले महागठबंधन में सीट शेयरिंग को लेकर लगभग सहमति बन चुकी है। देर रात हुई बैठक में मुख्य रूप से सीटों का निर्धारण कर लिया गया है। इसमें प्रमुख दलों के बीच मुख्य रूप से आरजेडी, कांग्रेस, वीआईपी, भाकपा माले, सीपीआई, सीपीएम, जेएमएम, आरएलजेपी और आईपी गुप्ता जैसे दल शामिल हैं।

आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक, महागठबंधन इस बार आरजेडी को 135 सीटें, कांग्रेस को 55, वीआईपी को 18, भाकपा माले को 20, सीपीआई को 6, सीपीएम को 4, जेएमएम को 2, आरएलजेपी को 2 और आईपी गुप्ता को 1 सीट देने का प्रस्ताव रख रहा है। इन सीटों का ऐलान जल्द ही किया जाना है। इसके अलावा, कुछ सीटों पर घटक दलों के बीच उम्मीदवारों की एडजेस्टमेंट का फॉर्मूला भी तय किया जाएगा।

विवादित सीटें और मतभेद

हालांकि, अभी भी कुछ सीटें ऐसी हैं जहां दलों के बीच मतभेद खत्म होने का नाम नहीं ले रहे हैं। विशेष रूप से वीआईपी, कांग्रेस और आरजेडी के बीच विवादित सीटों को लेकर असमंजस बना हुआ है। वीआईपी का दावा है कि वे शेखपुरा, सिमरी बख्तियारपुर, भभुआ, बड़हरा, महिषी और गौराबराम सीटों पर अपना कब्जा चाहते हैं। वहीं, कांग्रेस ने आरजेडी से बायसी, बहादुरगंज और सहरसा सीटों का दावा किया है। आरजेडी ने अपने हिस्से में घोसी और पालीगंज सीटें रखी हैं, जिन पर उनका दावा मजबूत है। सीपीआई ने हरलाखी सीट पर दावा जताया है, जबकि कांग्रेस और वीआईपी अपनी-अपनी सीटों के लिए दबाव बना रहे हैं।

प्रमुख विवादास्पद सीटें

विवादित सीटों में पशुपति पारस की पार्टी आरएलजेपी भी अपनी सीटों को लेकर असमंजस में है। पशुपति पारस कुशेश्वरस्थान या वैशाली में एक सीट चाहते हैं, जिसमें सूरजभान सिंह को जगह देने की शर्त लगी है। इन सीटों को लेकर आज सहमति बनने की उम्मीद है, जिसके बाद महागठबंधन 12 या 13 अक्टूबर को सीट शेयरिंग का औपचारिक ऐलान कर सकता है।

तेजस्वी यादव और पशुपति पारस की बैठक

इसी बीच, वीआईपी प्रमुख मुकेश सहनी ने शनिवार को तेजस्वी यादव के आवास पर पहुंचकर लंबी बैठक की। इस बैठक में दोनों नेताओं ने सीटों को लेकर चर्चा की और आगे की रणनीति तय की। यह माना जा रहा है कि महागठबंधन में सीट बंटवारे का फॉर्मूला लगभग तय हो चुका है, और जल्द ही इसकी आधिकारिक घोषणा हो जाएगी।

एनडीए का सीट शेयरिंग मंथन

उधर, एनडीए में भी सीट बंटवारे को लेकर मंथन जारी है। दिल्ली में आज एनडीए के शीर्ष नेता बैठक कर रहे हैं। बीजेपी के प्रदेश प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान, विनोद तावडे, सम्राट चौधरी, दिलीप जायसवाल, ऋतुराज सिन्हा और मंगल पांडे दिल्ली पहुंच चुके हैं। वहीं, जेडीयू नेताओं ललन सिंह और संजय झा भी आज दिल्ली जाएंगे।

सूत्रों के अनुसार, एनडीए में एलजेपी (रामविलास) को गोविंदगंज सीट देने पर सहमति बन गई है, लेकिन ब्रह्मपुर सीट पर अब भी बीजेपी तैयार नहीं है। उपेंद्र कुशवाहा बाजपट्टी और शेखपुरा सीटों पर दावेदारी कर रहे हैं, जबकि जीतन राम मांझी 7 सीटों से कम मिलने पर नाराज बताए जा रहे हैं। वह आज बीजेपी नेताओं से मुलाकात कर अपनी मांगें रखेंगे।

राजनीतिक हलचल और चुनावी नतीजे

बिहार विधानसभा चुनाव की इस जंग में सीट बंटवारे का फॉर्मूला तय होना दोनों ही गठबंधनों के लिए महत्वपूर्ण है। महागठबंधन अपने वोट बैंक को मजबूत बनाने के साथ-साथ सीटों का सही बंटवारा कर चुनावी मैदान में उतरने की दिशा में आगे बढ़ रहा है। वहीं, एनडीए भी अपने घटक दलों के बीच सीटों का बंटवारा अंतिम रूप देने के प्रयास में जुटा है।

बिहार चुनाव का परिणाम आने वाले महीनों में राजनीति की दिशा तय करेगा। अभी यह स्पष्ट हो चुका है कि दोनों गठबंधन अपनी-अपनी सीटों को लेकर कड़ा संघर्ष कर रहे हैं। राजनीतिक कूटनीति और समीकरणों का खेल तेज़ी से आगे बढ़ रहा है, और जल्द ही इन दोनों गठबंधनों की सीट शेयरिंग का फॉर्मूला भी स्पष्ट हो सकता है। बिहार की जनता की नज़रें इन सीटों के ऐलान पर हैं, जो आगामी चुनावों का रुख तय करेगा।

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