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अरब सागर में उठा ‘ शक्ति ‘ तूफ़ान , IMD ने जारी किया अलर्ट

 अरब सागर में उठा ‘ शक्ति ‘ तूफ़ान , IMD ने जारी किया अलर्ट
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पोस्ट-मॉनसून सीज़न का पहला चक्रवाती तूफान ‘शक्ति’ — श्रीलंका ने दिया नाम, अगले 24 घंटे अहम

भारतीय मौसम विभाग (IMD) के अनुसार, चक्रवात ‘शक्ति’ शुक्रवार सुबह तक गुजरात के नलिया से 270 किमी दक्षिण-पश्चिम, पोरबंदर से 300 किमी पश्चिम, और पाकिस्तान के कराची से 360 किमी दक्षिण में केंद्रित था।
यह करीब 8 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से उत्तर-पश्चिम दिशा में आगे बढ़ रहा है। अगले 24 घंटों में इसके गंभीर चक्रवाती तूफान (Severe Cyclonic Storm) में बदलने की आशंका है।

IMD ने बताया है कि चक्रवात के कारण 100 किमी/घंटा तक की तेज हवाएं चल सकती हैं और भारी से बहुत भारी बारिश की संभावना है।
महाराष्ट्र के मुंबई, ठाणे, पालघर, रायगढ़, रत्नागिरी और सिंधुदुर्ग जिलों में 7 अक्टूबर तक अलर्ट जारी किया गया है।
समुद्र में ऊंची लहरें उठने की चेतावनी दी गई है, इसलिए मछुआरों को समुद्र में न जाने की सलाह दी गई है।

इस चक्रवात का नाम ‘शक्ति’ श्रीलंका ने दिया है।

दरअसल, विश्व मौसम संगठन (WMO) और एशिया-प्रशांत के लिए आर्थिक एवं सामाजिक आयोग (ESCAP) द्वारा निर्धारित प्रणाली के तहत चक्रवातों के नामकरण की जिम्मेदारी क्षेत्रीय देशों पर होती है। इस समूह में भारत, बांग्लादेश, मालदीव, म्यांमार, ओमान, पाकिस्तान, श्रीलंका और थाईलैंड शामिल हैं।
साल 2020 में इन देशों ने 169 नामों की एक सूची तैयार की थी — और जब कोई तूफान 65 किमी/घंटा या उससे अधिक की रफ्तार पकड़ लेता है, तभी उसे सूची में से अगला नाम दिया जाता है। ‘शक्ति’ इस सूची का पहला नाम है।

गुजरात और महाराष्ट्र सरकारों ने आपदा प्रबंधन प्रणाली को सक्रिय कर दिया है। तटीय और निचले इलाकों के लिए निकासी योजना तैयार की जा रही है। लोगों से अपील की गई है कि वे समुद्र के पास न जाएं, मछली पकड़ने से बचें, और स्थानीय प्रशासन के निर्देशों का पालन करें।

हालांकि अरब सागर में सामान्यतः कम चक्रवात बनते हैं, लेकिन पिछले कुछ वर्षों में यहां गतिविधि बढ़ी है। 2021 में ताउते और 2023 में बिपरजॉय जैसे शक्तिशाली तूफान बने थे। विशेषज्ञों का कहना है कि ‘शक्ति’ फिलहाल तटीय इलाकों से दूर है, लेकिन इसके तेज़ी से प्रचंड रूप लेने की संभावना को देखते हुए सतर्कता बेहद ज़रूरी है।

“ तूफान अभी तट तक नहीं पहुंचा है, लेकिन अगले दो दिनों में स्थिति तेजी से बदल सकती है।
तटीय राज्यों को सतर्क रहना चाहिए और किसी भी आपात स्थिति के लिए तैयार रहना चाहिए। ” — IMD

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