मौलाना तौकीर रजा का वीडियो वायरल, पुलिस पर आरोप
बरेली में शुक्रवार को हुए हिंसक प्रदर्शन के बाद आईएमसी के प्रमुख मौलाना तौकीर रजा ने देर रात एक वीडियो जारी किया। इस वीडियो में मौलाना ने युवाओं को संबोधित किया और उन्हें मुबारकबाद दी। उन्होंने कहा कि इश्क-ए-रसूल के नाम पर आए नौजवानों का जज़्बा काबिले तारीफ है और उनका मकसद सिर्फ शांति और अमन का पैगाम देना था।
मौलाना ने बताया कि वे नमाज़ अदा कर राष्ट्रपति को ज्ञापन भेजने जा रहे थे, लेकिन पुलिस और प्रशासन ने उन्हें हाउस अरेस्ट कर लिया। उन्होंने कहा कि वे गिरफ्तारी देने को तैयार हैं, और यदि वे गुनाहगार हैं तो उन्हें भी अतीक अशरफ की तरह गोली मार दी जाए।
मौलाना ने यह भी आरोप लगाया कि उनके लेटरपैड का गलत इस्तेमाल कर लोगों को गुमराह करने की कोशिश की जा रही है। जब वे जुमे की नमाज के लिए निकले थे, तब प्रशासन को खबर हो गई और डीएम व एसपी मौके पर पहुंच गए। इसके बाद भारी संख्या में पुलिस बल बुला लिया गया।
मौलाना ने कहा कि उन्हें और उनके समाज को अल्लाह और रसूल का नाम लेने तक नहीं दिया जा रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस ने कुछ लोगों पर लाठियां बरसाई और उन पर पत्थरबाजी का आरोप लगाया जा रहा है।
बता दें कि मौलाना तौकीर रजा पर पहले भी कई मामलों में आरोप लगे हैं। उनके खिलाफ बरेली और संभल में दस मुकदमे दर्ज हैं, जिनमें से छह में चार्जशीट भी हो चुकी है। उनका आपराधिक इतिहास 1982 में मारपीट के मुकदमे से शुरू हुआ था। इसके बाद 1987 में अमानत में खयानत का मामला, 1988 में घर में घुसकर छेड़छाड़ का मामला, और 1996 में मारपीट व गालीगलौज के मामले दर्ज हुए।
वर्ष 2000 में भी मारपीट का मुकदमा दर्ज हुआ, और 2007 में धमकी देने का आरोप लगा। 2010 में प्रेमनगर में दंगा का मामला भी दर्ज हुआ है, जो अभी अदालत में लंबित है। इसके अलावा, 2023 में फरीदपुर में भड़काऊ बयान देने का भी मामला दर्ज है।
ऐसे में, बरेली के इस मामले में मौलाना तौकीर रजा का नाम फिर चर्चा में है।



