गणपति विसर्जन के बाद जूहू बीच स्वच्छता अभियान में अमृता फडणवीस के साथ अक्षय कुमार ने भाग लिया
देश में गणेश चतुर्थी का त्योहार बड़ी धूमधाम और उत्साह के साथ मनाया जाता है। इस पर्व में लोग भगवान गणेश की प्रतिमाओं की स्थापना करते हैं, पारंपरिक पूजा-अर्चना करते हैं और फिर विसर्जन के दौरान उन्हें नदी, तालाब या समुद्र में ले जाकर प्रवाहित करते हैं। यह पर्व भारतीय संस्कृति का एक अहम हिस्सा है और हर साल लाखों श्रद्धालु इसमें भाग लेते हैं।
लेकिन, क्या आप जानते हैं कि गणेश विसर्जन के बाद क्या होता है? अक्सर, जब भगवान गणेश की प्रतिमाओं को नदी या समुद्र के किनारे फेंक दिया जाता है, तो उस जगह का साफ-सफाई का ध्यान नहीं रखा जाता। कई बार वहां कचरा, प्लास्टिक की वस्तुएं और विसर्जन के अवशेष बिखरे रहते हैं, जो न केवल पर्यावरण के लिए नुकसानदायक हैं बल्कि स्वच्छता की दृष्टि से भी चिंता का विषय हैं।
खुशखबरी यह है कि हाल ही में बॉलीवुड के मशहूर अभिनेता अक्षय कुमार और महाराष्ट्र की मुख्यमंत्री की धर्मपत्नी ने मिलकर इस समस्या को लेकर जागरूकता फैलाने और सफाई का अभियान चलाया है। दोनों ने मिलकर नदी किनारे जाकर वहां जमा कचरे को साफ किया, जिससे यह संदेश गया कि सफाई में सभी की भागीदारी जरूरी है। यह पहल बहुत ही सराहनीय है और इससे दूसरे लोग भी प्रेरित हो सकते हैं।
वहीं, कुछ नेता ऐसे भी हैं जो दिखावे के लिए कचरा फैलाते हैं और फिर स्वच्छता अभियान के नाम पर फोटो खिंचवाकर अपनी छवि चमकाने की कोशिश करते हैं। यह तरीका न तो सही है और न ही प्रभावी। वास्तविक स्वच्छता तभी आएगी जब हम अपने आस-पास की जगहों को स्वच्छ बनाने की जिम्मेदारी खुद उठाएंगे।
गणेश विसर्जन के बाद हमें चाहिए कि हम खुद भी उस स्थान पर जाकर सफाई करें, कचरे को सही तरीके से निपटाएं और पर्यावरण का ध्यान रखें। इससे न केवल हमारा वातावरण स्वच्छ रहेगा, बल्कि हमारे धार्मिक पर्व भी सार्थक होंगे।गणेश चतुर्थी का त्योहार उल्लास और भक्ति का प्रतीक है, लेकिन इसके साथ ही हमें पर्यावरण संरक्षण का भी ध्यान रखना चाहिए। बड़े नेताओं और कलाकारों की भागीदारी से यह संदेश जाएगा कि स्वच्छता हमारी जिम्मेदारी है। आइए, हम सभी मिलकर अपने पर्व को साफ-सुथरा और पर्यावरण के अनुकूल बनाएं।



