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रामस्वरूप यूनिवर्सिटी में बिना मान्यता के संचालित पाठ्यक्रम,छात्रों का आक्रोश फूटा

 रामस्वरूप यूनिवर्सिटी में बिना मान्यता के संचालित पाठ्यक्रम,छात्रों का आक्रोश फूटा
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बाराबंकी :गदिया स्थित रामस्वरूप यूनिवर्सिटी में सोमवार को बिना मान्यता के संचालित पाठ्यक्रमों को लेकर छात्रों का आक्रोश फूट पड़ा। सुबह से ही छात्र धरने पर बैठ गए और दोपहर तक माहौल अराजक होता चला गया। छात्रों का आरोप है कि बार काउंसिल ऑफ इंडिया से मान्यता न होने के बावजूद यहां एलएलबी, बीबीए एलएलबी और बीए एलएलबी में अवैध तरीके से प्रवेश लेकर कक्षाएं संचालित की जा रही हैं।

प्रदर्शन के दौरान छात्रों ने एबीवीपी कार्यकर्ताओं के साथ मिलकर यूनिवर्सिटी गेट बंद कर दिया। इससे संस्थान प्रबंधन से उनकी भिड़ंत हो गई। हालात बेकाबू होते देख मौके पर मौजूद पुलिस ने छात्रों को खदेड़ने के लिए लाठीचार्ज कर दिया। इस कार्रवाई से गुस्साए छात्रों ने गदिया पुलिस चौकी पर पथराव कर शीशे तोड़ दिए। जवाब में पुलिस ने छात्रों को दौड़ा-दौड़ाकर पीटा।

हंगामे और लाठीचार्ज में करीब 24 लोग घायल हुए हैं। इनमें आठ छात्रों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जबकि बाकी का प्राथमिक उपचार के बाद घर भेज दिया गया। घायलों में एबीवीपी के प्रांत सह मंत्री अभिषेक बाजपेई, जिला संयोजक अनुराग मिश्रा, अभय शंकर पांडे, अंकित पांडे, नवीन, अर्पित शुक्ला, आशुतोष राय, प्रत्यूष पाण्डेय, अंकुर अवस्थी, सिद्धार्थ तिवारी, विदित प्रताप सिंह, योगेश सिंह और पुष्पेंद्र बाजपेई समेत कई छात्र शामिल हैं।

घटना के बाद पुलिस कार्रवाई पर सवाल खड़े हो गए हैं। छात्रों ने आरोप लगाया कि सीओ सिटी हर्षित चौहान के निर्देश पर लाठीचार्ज कराया गया। वहीं, मामले की गंभीरता को देखते हुए शहर कोतवाल आरके राणा और गदिया चौकी इंचार्ज को लाइन हाजिर कर दिया गया है। सीओ को एसपी ऑफिस में संबद्ध किया गया है।

हंगामे के बाद मंडलायुक्त अयोध्या को रामस्वरूप यूनिवर्सिटी की डिग्रियों की वैधता की जांच के आदेश दिए गए हैं। मुख्यमंत्री ने भी इस पूरे प्रकरण पर आज शाम तक विस्तृत रिपोर्ट मांगी है।

सोमवार रात को भी विवाद थमा नहीं। एबीवीपी कार्यकर्ताओं ने डीएम आवास के बाहर विरोध प्रदर्शन करते हुए पुलिस के खिलाफ नारेबाजी की और शांतिपूर्ण आंदोलन पर बल प्रयोग करने वाले पुलिसकर्मियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की।

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