संजय निषाद का BJP पर हमला: गठबंधन तोड़ने तक की चेतावनी, सपा का पलटवार

लखनऊ : उत्तर प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री और निषाद पार्टी के प्रमुख संजय निषाद ने भारतीय जनता पार्टी (BJP) के साथ गठबंधन पर सवाल उठाते हुए नाराजगी जताई है। उन्होंने कहा कि अगर एनडीए (NDA) को लगता है कि निषाद पार्टी से कोई फायदा नहीं हो रहा है तो गठबंधन तोड़ देना चाहिए। उनके इस बयान के बाद राज्य की सियासत में हलचल तेज हो गई है।
संजय निषाद का बयान
गोरखपुर में पत्रकारों से बातचीत में संजय निषाद ने कहा, “भाजपा को अपने सहयोगी दलों जैसे सुभासपा, अपना दल, आरएलडी और निषाद पार्टी पर भरोसा होना चाहिए। अगर भरोसा नहीं है, तो कड़े फैसले ले लें। हमने 2018 में सपा-बसपा के साथ गठबंधन होने के बावजूद एनडीए को ऐतिहासिक जीत दिलाई थी। यदि अब भाजपा को लगता है कि हमें कोई फायदा नहीं मिल रहा है, तो गठबंधन तोड़ दें। हमें भीख मांगने की ज़रूरत नहीं है।”
मंत्री ने आगे कहा कि 2024 के चुनाव में उन्हें कुछ खास नहीं मिला, लेकिन 2027 के चुनाव तक तस्वीर साफ हो जाएगी। साथ ही उन्होंने भाजपा को चेतावनी दी कि सपा-बसपा से आए “बाहरी नेताओं” से सावधान रहना चाहिए क्योंकि वे एनडीए के भीतर रहकर नुकसान पहुंचा सकते हैं।
सपा का पलटवार
संजय निषाद के बयान पर समाजवादी पार्टी (सपा) ने बीजेपी पर तंज कसा है। सपा प्रवक्ता फखरुल हसन चांद ने एक्स पर लिखा,
“उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में मुश्किल से एक साल चार-पांच महीने बाकी हैं। दिसंबर 2026 में आचार संहिता लग जाएगी। उससे पहले बीजेपी के सहयोगी दल जैसे राजभर और निषाद के बोल बागी होते जा रहे हैं। चुनाव नजदीक आते-आते पिछड़ी जातियों के नाम पर राजनीति करने वाले सभी दल बीजेपी से दूरी बना लेंगे। यही पीडीए की ताकत है।”
राजनीतिक संदेश
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि संजय निषाद का यह बयान न केवल बीजेपी के साथ उनके रिश्तों की खटास को दिखाता है, बल्कि आने वाले विधानसभा चुनाव में सहयोगी दलों की भूमिका भी अहम होने वाली है।