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दिल्ली में आधार-पैन कार्ड से 42 करोड़ का GST फ्रॉड, ITR फाइल करते समय हुआ खुलासा

 दिल्ली में आधार-पैन कार्ड से 42 करोड़ का GST फ्रॉड, ITR फाइल करते समय हुआ खुलासा
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नई दिल्ली : डिजिटल फ्रॉड के मामलों में दिन-ब-दिन नए तरीके सामने आ रहे हैं। कभी OTP के बिना अकाउंट खाली करना, तो कभी पहचान पत्र का दुरुपयोग करके करोड़ों का खेल खेलना। राजधानी दिल्ली में ऐसा ही एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां स्कैमर्स ने एक व्यक्ति के आधार और पैन कार्ड का इस्तेमाल कर GST नंबर लिया और उसके जरिए 42 करोड़ रुपये से ज्यादा का लेनदेन कर डाला।

ITR फाइल करते समय हुआ खुलासा

दिल्ली के रहने वाले आलोक शुक्ला ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म फेसबुक पर पोस्ट करके अपनी कहानी साझा की। उन्होंने बताया कि जब उनका चार्टर्ड अकाउंटेंट (CA) ITR फाइल कर रहा था, तभी पता चला कि AXAT इंडस्ट्रीज नाम की कंपनी ने उनके पैन कार्ड पर GST नंबर रजिस्टर कराया हुआ है। इस GST अकाउंट के जरिए करोड़ों का ट्रांजेक्शन हो चुका था।

आलोक ने बताया कि इस पूरे फ्रॉड में न केवल पैन, बल्कि आधार कार्ड का भी इस्तेमाल हुआ। हैरानी की बात यह है कि इस दौरान उन्हें न कोई ईमेल मिला, न ही कोई SMS अलर्ट।

ट्रांजेक्शन के बाद GST नंबर सरेंडर

पीड़ित के अनुसार, लाखों-करोड़ों रुपये का ट्रांजेक्शन होने के बाद GST नंबर को सरेंडर कर दिया गया। उन्हें इसकी भनक भी नहीं लगी। मामले की जानकारी मिलते ही आलोक ने दिल्ली के मंडावली पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई है।

स्कैमर्स ऐसा कैसे करते हैं?

साइबरपीस के फाउंडर और ग्लोबल प्रेसिडेंट विनीत कुमार के मुताबिक, इस तरह के फ्रॉड अक्सर डिजिटल ID वेरिफिकेशन और सरकारी सिस्टम में मौजूद खामियों का फायदा उठाकर किए जाते हैं।

अपराधी डेटा ब्रीच, फिशिंग स्कैम या थर्ड-पार्टी डेटाबेस लीक से पैन और आधार की जानकारी चुरा लेते हैं।

अब जेनरेटिव AI टूल्स के जरिए असली जैसे दिखने वाले फर्जी आधार और पैन कार्ड बनाना आसान हो गया है, जो बेसिक जांच में पास हो जाते हैं।

कई बार यह गलती रिव्यूअर की लापरवाही से भी हो सकती है।

SIM स्वैप के जरिए अपराधी OTP भी वेरिफाई कर लेते हैं।

खुद को ऐसे बचाएं

विशेषज्ञों के अनुसार, ऐसे फ्रॉड से बचने के लिए कुछ जरूरी कदम उठाने चाहिए—

  • GST पोर्टल पर जाकर अपने पैन से जुड़ी किसी भी अनजान रजिस्ट्रेशन की जांच करें।
  • UIDAI पोर्टल पर जाकर आधार का बायोमेट्रिक लॉक करें।
  • जहां संभव हो, टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन ऑन करें।
  • KYC अपडेट के नाम पर आने वाले किसी भी संदिग्ध मैसेज या कॉल से सतर्क रहें।
  • किसी भी फ्रॉड की जानकारी मिलते ही cybercrime.gov.in पर शिकायत दर्ज करें।

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