बिहार की मतदाता सूची में अजब गलती: 35 साल की महिला बनी ‘124 नॉट आउट’, पति का नाम निकला मकान नंबर

पटना : बिहार की मतदाता सूची में एक टाइपिंग गलती ने 35 वर्षीय मिंता देव को अचानक सुर्खियों में ला दिया है। दिल्ली में इंडिया ब्लॉक के “वोट चोरी” विरोध प्रदर्शन की पोस्टर गर्ल मिंता के वोटर कार्ड में उनकी उम्र 124 साल दर्ज कर दी गई।
मिंता देव, जो सीवान के दरौंधा की रहने वाली हैं, ने मंगलवार को बताया कि यह चुनाव आयोग की गलती है। उनके जन्म वर्ष 1990 की जगह 1900 दर्ज कर दिया गया, जिससे उनकी उम्र 124 साल दिखाई देने लगी। उन्होंने कहा, “मैंने अपने दस्तावेज ऑनलाइन जमा किए थे। गलती चुनाव आयोग की है, लेकिन अब लोग मेरी उम्र के बारे में मजाक कर रहे हैं।”
पति का नाम बना मकान नंबर
मिंता ने यह भी बताया कि उनके पति धनंजय कुमार सिंह का नाम गलती से उनके “मकान नंबर” के रूप में दर्ज कर दिया गया। यह भी एक गंभीर डेटा एंट्री की गलती है, जिस पर उन्होंने आपत्ति जताई है।
प्रशासन ने मानी गलती, होगा सुधार
सीवान के डीएम आदित्य प्रकाश ने टाइपिंग गलती स्वीकार करते हुए कहा कि इसके लिए कंप्यूटर ऑपरेटर जिम्मेदार है और सुधार एक हफ्ते के भीतर कर दिया जाएगा। उप चुनाव अधिकारी सोहेल अहमद ने पुष्टि की कि मिंता ने सुधार के लिए आवेदन कर दिया है।
120 और 119 साल की मतदाता भी
मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) में दो और “शतकवीर” सामने आए हैं—भागलपुर के पीरपैंती की आशा देवी (120 वर्ष) और गोपालगंज की बरौली सीट से मंटूरिया देवी (119 वर्ष)।
आशा देवी की उम्र की पुष्टि के लिए ब्लॉक लेवल ऑफिसर ने उनके आधार कार्ड की जांच की और गांव वालों से पूछताछ की। रिपोर्ट में बताया गया कि उनकी उम्र सही है।
इसी तरह मंटूरिया देवी का भी भौतिक सत्यापन कर उनकी उम्र 119 साल सही पाई गई।
दुनिया की सबसे बुजुर्ग महिला
तुलना के लिए, 115 वर्षीय ब्रिटिश नागरिक एथेल कैटरहम को इस समय दुनिया की सबसे बुजुर्ग जीवित महिला माना जाता है। ऐसे में बिहार की मतदाता सूची में दर्ज इन उम्रों ने प्रशासनिक लापरवाही पर सवाल खड़े कर दिए हैं।