साध्वी प्रज्ञा को मिली क्लीनचीट तो बदले दिग्विजय सिंह के सुर, ‘हिंदू आतंकवाद’ पर अब क्या बोले?

नई दिल्ली। पूर्व सांसद साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर को मालेगांव ब्लास्ट में बरी हो गई हैं। इसी ब्लास्ट के बाद देश में हिंदू आतंकवाद की काफी चर्चा हुई थी। वहीं,मानसून सत्र के दौरान गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार को राज्यसभा को संबोधित किया। ऑपरेशन सिंदूर और ऑपरेशन महादेव पर उन्होंने सरकार का पक्ष रखा। सभा को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि हिंदू समुदाय के लोग कभी आतंकवादी नहीं हो सकते।
साध्वी प्रज्ञा को मालेगांव ब्लास्ट में बरी किए जाने के बाद कांग्रेस के दिग्गज नेता और पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के सुर बदल चुके हैं। समाचार एजेंसी पीटीआई से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि आतंकवाद न हिंदू होता है और न ही मुसलमान आतंकवादी होता है।
कुछ लोग धर्म को नफरत का हथियार बनाते हैं
उन्होंने कहा कि किसी भी धर्म को आतंकवाद से जोड़ना ठीक नहीं है। हर धर्म प्रेम, अहिंसा, सद्भाव का प्रतीक होते हैं। ना आतंकवादी हिंदू हो सकता है ना मुसलमान। कुछ ही लोग होते हैं जोकि धर्म को नफरत की तरह हथियार बनाते हैं। उन्होंने सफाई देते हुए ये भी कहा कि मैंने भगवा आतंकवाद नहीं संघी आतंकवाद कहा था।
बता दें कि साल 2018 में सामाजिक कार्यकर्ता गौरी लंकेश की हत्या के बाद दिग्विजय सिंह ने कहा था कि जितने भी लोग इस मामले में पकड़े गए हैं, वो हिंदू धर्म वाले आतंकवादी पकड़े हैं। सभी संघ के कार्यकर्ता रहे हैं। दरअसल, 2018 में भाजपा नेता ने आरोप लगाया है कि मालेगांव ब्लास्ट के बाद गलत तरीके से साध्वी प्रज्ञा और कर्नल पुरोहित जैसे लोगों को फंसाया गया और हिंदू आतंकवाद और भगवा आतंकवाद जैसे शब्द गढ़े गए।
