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NCDC को मिलेगी 2000 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता, मिली कैबिनेट की मंजूरी

 NCDC को मिलेगी 2000 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता, मिली कैबिनेट की मंजूरी
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नई दिल्ली। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 2025-26 से 2028-29 तक 4 साल की अवधि के लिए 2000 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ केंद्रीय क्षेत्र योजना राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम (NCDC) को अनुदान सहायता’ की मंजूरी दी है। केंद्रीय सूचना व प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कैबिनेट के इस फैसले की जानकारी दी है।

सरकार की ओर से बताया गया है कि वर्ष 2025-26 से 2028-29 तक 4 वर्षों की अवधि के लिए अनुदान सहायता पर 2000 करोड़ रुपये का परिव्यय किया जाएगा। NCDC चार वर्षों की अवधि में खुले बाजार से 20,000 करोड़ रुपये जुटा सकेगी।

NCDC की ओर से नई परियोजनाओं की स्थापना/संयंत्रों के विस्तार, सहकारी समितियों को ऋण देने और कार्यशील पूंजी आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए ऋण देने हेतु निधियों का उपयोग किया जाएगा।

डेयरी, पशुधन, चीनी व खाद्य प्रसंस्करण से जुड़े उद्यमों को मिलेगा लाभ

सरकार ने बताया है कि इस कदम से देश भर में डेयरी, पशुधन, मत्स्य पालन, चीनी, कपड़ा, खाद्य प्रसंस्करण, भंडारण और कोल्ड स्टोरेज जैसे विभिन्न क्षेत्रों की 13,288 सहकारी समितियों के 2.9 करोड़ सदस्यों; श्रम और महिलाओं के नेतृत्व वाली सहकारी समितियों को लाभ मिलेगा।

वैष्णव ने बताया कि केंद्रीय मंत्रिमंडल ने गुरुवार को NCDC को चार वर्षों के लिए 2,000 करोड़ रुपये की अनुदान सहायता को मंजूरी दी है। इस कदम से संगठन को ऋण देने के लिए अधिक धन जुटाने में मदद मिलेगी।

आर्थिक मामलों की मंत्रीमंडलीय समिति ने लिया निर्णय

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति की बैठक में इस संबंध में निर्णय लिया गया। सूचना व प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने संवाददाताओं को बताया, “एक अच्छे वित्तीय मॉडल को और अधिक समर्थन देने के लिए, मंत्रिमंडल ने NCDC के लिए चार वर्षों के लिए 2,000 करोड़ रुपये की पूंजी अनुदान सहायता को मंजूरी दी।”

NCDC 8.25 लाख से अधिक सहकारी समितियों को ऋण देता है, जिनके 29 करोड़ सदस्य हैं। कुल सदस्यों में से 94 प्रतिशत किसान हैं।मंत्री ने कहा कि इस वित्तीय सहायता से NCDC आगे ऋण देने के लिए 20,000 करोड़ रुपये अतिरिक्त जुटाने में सक्षम हो सकेगी। उन्होंने कहा कि वर्तमान में NCDC की ऋण वसूली दर 99.8 प्रतिशत है और NPA शून्य है।

इटारसी-नागपुर के बीच चौथी रेलवे लाइन बनेगी

केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कैबिनेट ब्रीफिंग को संबोधित करते हुए इटारसी-नागपुर के बीच चौथी रेलवे लाइन की भी जानकारी दी। उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इटारसी और नागपुर के बीच चौथी लाइन को मंजूरी दे दी है। इसका निर्माण दिल्ली और चेन्नई के साथ-साथ मुंबई और हावड़ा को जोड़ने वाले उच्च-घनत्व वाले गलियारे पर किया जाएगा। यह चारों दिशाओं का मिलन बिंदु है।”

सरकार की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार, कैबिनेट ने महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, पश्चिम बंगाल, बिहार, ओडिशा और झारखंड राज्यों के 13 जिलों को कवर करने वाली चार मल्टीट्रैकिंग परियोजनाओं को मंजूरी दी है। इसमें भारतीय रेलवे का मौजूदा नेटवर्क लगभग 574 किलोमीटर बढ़ जाएगा। इस परियोजना की लागत करीब 11169 करोड़ रुपये आएगी।

अलुआबाड़ी से न्यू जलपाईगुड़ी रेलवे लाइन का होगा विस्तार

कैबिनेट ब्रीफिंग को संबोधित करते हुए अश्विनी वैष्णव ने बताया कि अलुआबाड़ी से न्यू जलपाईगुड़ी तक रेलवे लाइन के विस्तार पर भी बात की। उन्होंने कहा, “अगला काम अलुआबाड़ी और न्यू जलपाईगुड़ी के बीच 57 किलोमीटर लंबी तीसरी और चौथी रेलवे लाइन का विस्तार है। यह पूर्वोत्तर की कनेक्टिविटी के लिए बेहद ज़रूरी है… अलुआबाड़ी बिहार से बंगाल के सिलीगुड़ी तक फैला है। इन लाइनों को मज़बूत करना बेहद जरूरी है।”

केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने छत्रपति संभाजी नगर से परभणी तक रेलवे लाइन के दोहरीकरण की भी जानकारी दी। उन्होंने कहा, “मराठवाड़ा कनेक्टिविटी के लिहाज से यह परियोजना बेहद महत्वपूर्ण है। इसके तहत छत्रपति संभाजी नगर से परभणी तक रेलवे लाइन का दोहरीकरण होगा, जो पहले 177 किलोमीटर लंबी सिंगल लाइन थी। इसका बजट 2,179 करोड़ रुपये है।

इन इलाकों में बहुत सारे उद्योग हैं और उनमें से कई को बंदरगाहों से जोड़ने की जरूरत है। इससे एक दोहरा गलियारा बनेगा। इसमें 28 बड़े पुल और 161 छोटे पुल शामिल होंगे। इससे देश को रसद लागत (लॉजिस्टिक्स कॉस्ट) में लगभग 1,714 करोड़ रुपये की बचत होगी।”

 

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