‘हमने सुदर्शन चक्र उठा लिया है…’, ऑपरेशन सिंदूर पर गरजे राजनाथ सिंह; विपक्ष को दिया करारा जवाब

नई दिल्ली। सरहद पार दुश्मन की रूह कंपाने के बाद ऑपरेशन सिंदूर की गूंज आज देश की संसद में सुनाई दे रही है। संसद के मानसून सत्र में ऑपरेशन सिंदूर पर बहस की शुरुआत हो चुकी है। सरकार की तरफ से रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मोर्चा संभालते हुए ऑपरेशन सिंदूर की बहस का आगाज किया। रक्षा मंत्री ने सदन के पटल पर आंकड़ों के साथ ऑपरेशन सिंदूर से जुड़े विपक्ष के हर सवाल का जवाब दिया है।
ऑपरेशन सिंदूर पर बात करते हुए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, “शठे शाठ्यं समाचरेत्…हमने भगवान कृष्ण से सीखा है कि आखिर में अगर धर्म को बचाने के लिए सुदर्शन चक्र भी उठाना पड़ता है। हमने 2006 में संसद भवन पर हमला, 2008 में मुंबई हमले देखे। लेकिन, अब बस बहुत हो गया। अब हमने सुदर्शन चक्र उठा लिया है।”
ऑपरेशन सिंदूर कब शुरू हुआ?
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सदन में बताय कि 6 और 7 मई 2025 को, भारतीय सेनाओं ने ऑपरेशन सिंदूर के नाम से एक ऐतिहासिक सैन्य कार्रवाई को अंजाम दिया। यह ऑपरेशन देश के नागरिकों के प्रति हमारी जिम्मेदारी और आतंकवाद के खिलाफ हमारी नीति का एक प्रभावी और निर्णायक प्रदर्शन था
ऑपरेशन सिंदूर की तैयारी कैसे की गई?
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के अनुसार, ऑपरेशन सिंदूर को अंजाम देने से पहले सेना ने सभी पहलुओं को गहराई से समझा। हमारे पास कई विकल्प थे। मगर, हमने आतंकवादियों और उनके ठिकानों को ज्यादा से ज्यादा नुकसान पहुंचाने का रास्ता चुना।
ऑपरेशन सिंदूर में कितने आंतकी मारे गए?
रक्षा मंत्री ने कहा, ऑपरेशन सिंदूर के तहत 9 आतंकी ठिकानों को तबाह किया गया। इस कार्रवाई में 100 से ज्यादा आतंवादी और उनके हैंडलर मारे गए। इनमें से अधिकांश जैश-ए-मोहम्मद, लश्कर-ए-तैयबा और हिजबुल मुजाहिदीन जैसे आतंकी संगठनों से संबंधित थे। ये वही आतंकी संगठन हैं, जिन्हें पाकिस्तान की सेना और ISI का खुला समर्थन प्राप्त है।
पाकिस्तान ने भारत पर कैसे हमला किया?
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, 10 मई 2025 को रात लगभग 1 बजकर 30 मिनट पर पाकिस्तान ने बड़े पैमाने पर भारत के ऊपर मिसाइल, ड्रोन, रॉकेट और अन्य लंबी दूरी वाले हथियारों का इस्तेमाल किया। इसके साथ-साथ उन्होंने इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर से जुड़ी तकनीकी का भी सहारा लिया गया।
पाकिस्तान के हमले में भारत को कितना नुकसान हुआ?
रक्षा मंत्री के अनुसार, हमारे एअर डिफेंस सिस्टम, काउंटर ड्रोन सिस्टम और इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों ने पाकिस्तान के हर हमले को नाकाम कर दिया। पाकिस्तान हमारे किसी भी लक्ष्य को हिट नहीं कर पाया और हमारे किसी भी अहम चीज को नुकसान नहीं हुआ। सेना ने दुश्मन के मंसूबों पर पानी फेर दिया।
ऑपरेशन सिंदूर ने पाकिस्तान को कितनी चोट पहुंचाई?
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के अनुसार, इस ऑपरेशन के तहत भारतीय सेना ने पाकिस्तान के हवाई अड्डों, कमांड और कंट्रोल सेंटर्स, सैन्य इन्फ्रास्ट्रक्चर, एअर डिफेंस सिस्टम समेत कई चीजों को नुकसान पहुंचाया गया।
ऑपरेशन सिंदूर क्यों रोका गया?
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के अनुसार, ऑपरेशन सिंदूर का मकसद आतंकी कैंप, उनके सहयोगियों को नेस्तनाबुत करना था। इसके जरिए भारत ने आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस का संदेश दिया है। भारत ने कार्रवाई इसलिए रोकी, क्योंकि हमने जो भी लक्ष्य निर्धारित किए थे, उन्हें हासिल कर लिया गया था। यह ऑपरेशन किसी के दबाव में नहीं रोका गया।
क्या था ऑपरेशन सिंदूर का मकसद?
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सदन को बताया कि ऑपरेशन सिंदूर का मकसद सीमा पार करके जमीन कब्जाना नहीं था। यह ऑपरेशन आतंकवाद के खिलाफ चलाया गया था। इसका मकसद उन आतंकी ठिकानों को नष्ट करना था, जिन्हें पाकिस्तान ने बरसों से पाला-पोसा था।
भारत-पाक में कैसे हुआ सीजफायर?
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा 10 मई को पाकिस्तान के DGMO ने भारत के DGMO से संपर्क किया और सैन्य कार्रवाइयों को रोकने की अपील की। मैं सदन में यह बात फिर से दुहराना चाहूंगा कि पाकिस्तान के DGMO ने भारत के DGMO से संपर्क किया और सैन्य कार्रवाइयों को रोकने की अपील की। 12 मई को दोनों देशों के DGMO के बीच औपचारिक संवाद हुआ और दोनों पक्षों ने सैन्य कार्रवाइयों पर विराम लगाने का निर्णय लिया
क्या खत्म हो गया है ऑपरेशन सिंदूर?
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के अनुसार, ऑपरेशन सिंदूर को सिर्फ कुछ समय के लिए रोका गया है। इसपर अभी विराम नहीं लगा है। अगर पाकिस्तान भविष्य में कोई भी गलत हरकत करेगा, तो यह ऑपरेशन दोबारा शुरू किया जाएगा।
