UP कैबिनेट बैठक: 15+ प्रस्तावों पर मुहर, ग्रेटर नोएडा-बलिया एक्सप्रेसवे से बुजुर्ग पेंशन तक
लखनऊ: उत्तर प्रदेश में विकास और जनहित से जुड़े कई अहम फैसलों की घोषणा होने जा रही है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में होने वाली कैबिनेट बैठक शुक्रवार को लोकभवन में आयोजित होगी, जिसमें लगभग डेढ़ दर्जन से अधिक महत्वपूर्ण प्रस्तावों पर मुहर लगने की संभावना है। इन प्रस्तावों में सड़क से लेकर शिक्षा, सामाजिक सुरक्षा, कृषि और उद्योग तक के विभिन्न क्षेत्रों को छूने वाले नीतिगत बदलाव शामिल हैं, जो राज्य के विकास की दिशा को नई गति देंगे।
बड़ी परियोजनाओं का मार्ग प्रशस्त
कैबिनेट की सबसे प्रमुख प्रस्ताव में ग्रेटर नोएडा से बलिया तक प्रस्तावित 8 लेन एक्सप्रेसवे की योजना है। इस परियोजना को उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (UPEIDA) के माध्यम से पूरा किया जाएगा। इसके लिए 2008 और 2011 में हुए कंसेशन एग्रीमेंट को समाप्त करने की मंजूरी दी जाएगी, जिससे परियोजना की गति बढ़ेगी और पूर्वांचल को पश्चिमी उत्तर प्रदेश से बेहतर जुड़ाव मिलेगा। यह एक्सप्रेसवे न केवल आवागमन को आसान बनाएगा बल्कि औद्योगिक विकास और रोजगार सृजन में भी सहायक सिद्ध होगा, जिससे क्षेत्र के आर्थिक उत्थान की उम्मीद जगी है।
वृद्धावस्था पेंशन योजना में सुधार
सरकार का ध्यान सामाजिक सुरक्षा योजनाओं पर भी है। उम्मीद की जा रही है कि वृद्धावस्था पेंशन योजना में संशोधन को मंजूरी मिलते ही करीब 60 लाख बुजुर्ग लाभान्वित होंगे। इस संशोधन के तहत पेंशन राशि में वृध्दि, पात्रता मानदंड में बदलाव, और वितरण प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने की दिशा में कदम उठाए जाएंगे। इससे वंचित और असहाय बुजुर्गों को सीधे आर्थिक लाभ मिल सकेगा और उनके जीवन स्तर में सुधार आएगा।
लेखपाल भर्ती में बदलाव
राजस्व विभाग में भी बड़े बदलाव की तैयारी है। चेनमैन (कानूनगो के चपरासी) को लेखपाल बनाने का प्रस्ताव पास हो सकता है। उत्तर प्रदेश लेखपाल सेवा नियमावली (पंचम संशोधन) 2025 के तहत, लेखपाल पदों का 2 प्रतिशत हिस्सा चेनमैन के लिए आरक्षित किया जाएगा। इससे राजस्व विभाग में कार्यकुशलता बढ़ेगी और जमीन संबंधित मामलों का निपटारा तेज़ी से किया जा सकेगा। यह कदम ग्रामीण विकास और भूमि संबंधी विवादों के समाधान में मददगार साबित होगा।
आवास और रियल एस्टेट क्षेत्र में राहत
किराएदारी पट्टे पर 10 साल तक के लिए स्टांप ड्यूटी और रजिस्ट्रेशन शुल्क में छूट दी जाने की संभावना है। इससे मकान मालिकों और किराएदारों को बड़ी राहत मिलेगी। यह योजना आवासीय और व्यावसायिक दोनों तरह के किराएदारी मामलों में लागू हो सकती है, जिससे रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया आसान और सस्ती होगी। इससे रियल एस्टेट सेक्टर को भी प्रोत्साहन मिलेगा और निवेश में वृद्धि होगी।
खेती और उद्योग में तेजी
खाद्य प्रसंस्करण विभाग में नई सुविधा के तौर पर निदेशालय की स्थापना का प्रस्ताव भी चर्चा में है। इस निदेशालय का नेतृत्व एक निदेशक करेगा, जिसे IA अधिकारी के रूप में नियुक्त किया जाएगा। इससे करोड़ों रुपये के निवेश प्रस्तावों को मंजूरी मिलने में तेजी आएगी और किसानों को सीधे बाजार पहुंच मिलेगी। यह कदम उत्पादन और विपणन दोनों को बढ़ावा देगा, जिससे कृषि आधारित उद्योगों को बल मिलेगा और किसानों की आमदनी में सुधार होगा।
सामाजिक और आर्थिक बदलाव की दिशा में ये कदम
इन प्रस्तावों के माध्यम से उत्तर प्रदेश सरकार का फोकस राज्य के आधारभूत ढांचे, सामाजिक सुरक्षा, उद्योग और कृषि क्षेत्र को मजबूत बनाने पर है। सड़क, स्वास्थ्य, शिक्षा, उद्योग और सामाजिक सुरक्षा के क्षेत्रों में किए गए ये बदलाव प्रदेश के विकास के नए आयाम स्थापित करेंगे। इन योजनाओं का लाभ सीधे आम जनता तक पहुंचेगा, जिससे जीवन स्तर में सुधार और आर्थिक समृद्धि की दिशा में सकारात्मक बदलाव होंगे।
राज्य सरकार की इन पहलों से न केवल प्रदेश की आर्थिक स्थिति मजबूत होगी बल्कि रोजगार के नए अवसर भी उत्पन्न होंगे। इससे प्रदेश में निवेश की प्रवृत्ति बढ़ेगी और सामाजिक समरसता को भी बढ़ावा मिलेगा। कुल मिलाकर, यह बैठक उत्तर प्रदेश के विकास के नए युग की शुरुआत का संकेत है, जहां जनता की उम्मीदें और आकांक्षाएं पूरी होने की दिशा में कदम बढ़ेंगे।
उत्तर प्रदेश सरकार की इस योजना और निर्णय से प्रदेश के लोगों को नई उम्मीदें जगी हैं। विभिन्न क्षेत्रों में हो रहे ये बदलाव राज्य को नई ऊंचाइयों पर ले जाने का मार्ग प्रशस्त करेंगे। सरकार का यह प्रयास है कि प्रदेश के हर नागरिक का जीवन बेहतर हो और उत्तर प्रदेश तेज़ी से विकसित हो। आगामी दिनों में इन परियोजनाओं और योजनाओं का क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जाएगा, ताकि प्रदेश की तस्वीर बदले और जनता का जीवन सुखमय हो सके।
Report by: Jyoti Chauhan



