राज्यपाल आनंदीबेन पटेल का निर्देश ,बैक पेपर परीक्षा पर रोक लगाने का आदेश
उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने गुरुवार को एक महत्वपूर्ण बयान जारी किया है जिसमें उन्होंने विश्वविद्यालयों से आग्रह किया है कि वे ‘ बैक पेपर ’ परीक्षाएं लेना बंद करें और परीक्षाओं में विद्यार्थियों की 100 प्रतिशत उपस्थिति सुनिश्चित करें। इस निर्देश का उद्देश्य परीक्षाओं की व्यवस्था में सुधार लाना और विद्यार्थियों के संपूर्ण विकास को बढ़ावा देना है।
राज्यपाल ने यह बात एमजेपी रुहेलखंड विश्वविद्यालय के 23वें दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए कही। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि आज के समय में छात्राएं हर क्षेत्र में परचम लहरा रही हैं , जो अत्यंत गर्व की बात है। लेकिन उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि क्यों कुछ छात्र पिछड़ रहे हैं , इसके कारण क्या हैं , इसे समझना और सुधार के प्रयास करना आवश्यक है।
उन्होंने विश्वविद्यालय द्वारा ‘ लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड ’ की पहल की भी सराहना की। उन्होंने कहा , “ जीवन स्वयं निरंतर सीखने की यात्रा है। सपने वो नहीं होते जो हमें सोने नहीं देते , बल्कि सपने वे होते हैं जो हमें नींद ही नहीं आने देते हैं। हमें बड़ा सोचने , सशक्त सोचने की जरूरत है। ” विद्यार्थियों को प्रेरित करते हुए उन्होंने सफलता के सूत्र भी बताए और कहा कि मेधावी छात्र स्वयं ही नहीं बल्कि पूरे देश को आगे बढ़ाने में भी योगदान दें।
राज्यपाल ने अपने भाषण में कहा कि विद्यार्थियों का यह उत्साह और मेहनत देश के भविष्य के लिए आशाजनक संकेत हैं। उन्होंने कहा कि शिक्षा का मकसद सिर्फ डिग्री प्राप्त करना नहीं है , बल्कि जीवन में उत्कृष्टता प्राप्त करना है। उन्होंने छात्रों से आग्रह किया कि वे अपने ज्ञान का उपयोग समाज के उत्थान और बेहतरी के लिए करें।
इस अवसर पर , आनंदीबेन पटेल ने रूहेलखंड विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र और झारखंड के वर्तमान राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार को ‘ लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड ’ से सम्मानित किया। उन्होंने इस सम्मान के जरिए उनके शिक्षा क्षेत्र में योगदान और समर्पण की सराहना की।
दीक्षांत समारोह के दौरान , राज्यपाल ने दिल्ली में कार विस्फोट की घटना पर दुख व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि इस घटना को अंजाम देने वाले लोग कई बार पढ़े – लिखे होते हैं , जो और भी अधिक दुखदाई है। इस घटना को लेकर उन्होंने समाज में जागरूकता और सतर्कता की आवश्यकता पर बल दिया।
अंत में , आनंदीबेन पटेल ने कहा कि सीखना एक सतत प्रक्रिया है। समाज का उत्थान और बेहतरी के लिए हमें अपने ज्ञान का सदुपयोग करना चाहिए। उन्होंने विद्यार्थियों से अपील की कि वे न सिर्फ अपने जीवन में सफलता हासिल करें , बल्कि समाज और देश का नाम भी रोशन करें।
यह बयान शिक्षण संस्थानों , विद्यार्थियों और समाज के लिए एक प्रेरणादायक संदेश है। राज्यपाल का यह दिशा – निर्देश न सिर्फ परीक्षाओं में सुधार का संकेत है , बल्कि छात्रों को सक्रिय और जिम्मेदार नागरिक बनने की प्रेरणा भी देता है। सभी संबंधित पक्षों से अपेक्षा है कि वे इन दिशानिर्देशों का पालन कर एक बेहतर और सशक्त राष्ट्र का निर्माण करें। – Report by : वंशिका माहेश्वरी



