अनिल अंबानी ने ईडी के सामने वर्चुअली पेश होने की पेशकश की , जानिए क्या है पूरा मामला
नई दिल्ली : रिलायंस समूह के चेयरमैन अनिल अंबानी ने शुक्रवार को फेमा (फॉरेन एक्सचेंज मैनेजमेंट एक्ट) के तहत जारी समन के जवाब में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के समक्ष वर्चुअल तरीके से पेश होने का प्रस्ताव दिया है। 66 वर्षीय व्यवसायी अनिल अंबानी के प्रवक्ता की ओर से जारी एक आधिकारिक बयान में यह जानकारी दी गई है।
प्रवक्ता ने बताया कि अनिल अंबानी ने ईडी को पत्र लिखकर जांच में ‘पूर्ण सहयोग’ का आश्वासन दिया है। सूत्रों के अनुसार , जांच एजेंसी ने अंबानी को शुक्रवार को व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होकर फेमा के तहत अपना बयान दर्ज कराने को कहा था। हालांकि , व्यवसायी ने वर्तमान में वर्चुअल माध्यम से पेश होने का विकल्प चुना है।
यह मामला जयपुर – रींगस राजमार्ग परियोजना से जुड़ा है , जिसमें ईडी को संदेह है कि हवाला के जरिए लगभग 100 करोड़ रुपये की धनराशि विदेश भेजी गई। हवाला लेन – देन का संदर्भ अवैध विदेशी मुद्रा प्रवाह से है , जो मुख्य रूप से नकद में होता है। ईडी ने इस मामले में कथित हवाला डीलरों सहित विभिन्न व्यक्तियों के बयान दर्ज किए हैं। इसके बाद ही अंबानी को तलब किया गया है।
वित्तीय जांच एजेंसी ने अंबानी से पहले मनी लॉन्ड्रिंग मामले में पूछताछ की है। यह पूछताछ उनके समूह की कंपनियों के खिलाफ कथित तौर पर 17,000 करोड़ रुपये के बैंक धोखाधड़ी के संबंध में की गई थी।
बयान में यह भी स्पष्ट किया गया है कि यह फेमा मामला 15 वर्ष पुराना है , जो 2010 का है। यह मामला एक सड़क की ठेकेदारी से संबंधित है , जिसमें रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड को जयपुर – रींगस राजमार्ग (जेआर टोल रोड) के निर्माण के लिए ईपीसी अनुबंध दिया गया था। यह अनुबंध पूरी तरह से घरेलू था , जिसमें किसी भी विदेशी मुद्रा घटकों का उपयोग नहीं किया गया।
बयान के अनुसार , जेआर टोल रोड पूरी तरह से बनकर तैयार हो चुका है और 2021 से यह भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) के पास है।
यह भी स्पष्ट किया गया है कि अनिल अंबानी रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर के बोर्ड के सदस्य नहीं हैं। उन्होंने अप्रैल 2007 से मार्च 2022 तक लगभग पंद्रह वर्षों तक कंपनी में गैर – कार्यकारी निदेशक के रूप में कार्य किया है , और कभी भी कंपनी के दैनिक प्रबंधन में शामिल नहीं रहे।
यह मामला अभी भी जांच के अधीन है , और अनिल अंबानी का वर्चुअल पेश होने का प्रस्ताव एजेंसी के साथ सहयोग का संकेत है। आगे की जांच और कार्रवाई का इंतजार किया जा रहा है। – Report by : वंशिका माहेश्वरी



