टीम से बाहर होने के बावजूद प्रतिका रावल को मेडल कैसे मिला? भारतीय क्रिकेटर ने खुद बताई पूरी कहानी
भारतीय महिला क्रिकेट टीम की स्टार ओपनर बल्लेबाज प्रतिका रावल का नाम अब एक बार फिर चर्चा में है। दरअसल, महिला विश्व कप 2025 के दौरान चोटिल होने के कारण वह टूर्नामेंट से बाहर हो गई थीं, लेकिन उनके योगदान और मेडल पाने की कहानी ने सबका ध्यान खींचा है। इस खबर में हम जानेंगे कि कैसे प्रतिका रावल को आखिरकार विश्व कप का मेडल मिला, उनका प्रदर्शन कैसा रहा, और उनके अनुभवों का पूरा विवरण।
चोटिल होने के बाद भी टीम का हिस्सा रहीं प्रतिका रावल
महिला विश्व कप 2025 के अंतिम लीग मैच में बांग्लादेश के खिलाफ खेलते समय चोटिल होने पर प्रतिका रावल को टीम से बाहर कर दिया गया था। उनकी जगह शेफाली वर्मा को टीम में शामिल किया गया, जिन्होंने अपने शानदार प्रदर्शन से ‘प्लेयर ऑफ द मैच’ अवॉर्ड जीता और भारतीय टीम को विश्व विजेता बनाने में अहम भूमिका निभाई। चोट के कारण वह फाइनल मुकाबले में हिस्सा नहीं ले सकीं, लेकिन उनके समर्थन और जज़्बे ने सभी का दिल जीत लिया।
मेडल पाने की कहानी: कैसे मिला प्रतिका को उनका सम्मान?
हालांकि, आईसीसी नियम के अनुसार, जो खिलाड़ी स्क्वाड से बाहर हो चुके हैं, उन्हें वर्ल्ड कप का मेडल नहीं मिल सकता। इस वजह से, प्रतिका रावल को initially उनके मेडल नहीं मिला था। लेकिन बाद में, उन्होंने खुद के मेडल की प्राप्ति की खबर दी। उन्होंने WION से बात करते हुए बताया कि, “मुझे अंत में मेरा खुद का मेडल मिल गया है। टीम के मैनेजर ने मुझे बताया कि जय शाह सर ने मेरे लिए मेडल अरेंज कराया है। जब मैंने उस मेडल का बॉक्स खोला, तो मैं बहुत भावुक हो गई। मेरे अंदर कई सारी भावनाएं थीं, जिन्हें मैं शब्दों में नहीं बता सकती।”
प्रदर्शन कैसा रहा प्रतिका का विश्व कप 2025 में?
प्रतिका रावल ने इस टूर्नामेंट में अपने प्रदर्शन से सभी का ध्यान खींचा। उन्होंने भारतीय टीम के लिए सातों लीग मैच खेले, जिसमें उन्होंने छह पारियों में एक शतक और एक अर्धशतक लगाया। न्यूजीलैंड के खिलाफ 122 रन का स्कोर उनका सर्वोच्च स्कोर था, और इसी मैच में भारत ने जीत दर्ज कर फाइनल का टिकट हासिल किया। पूरे टूर्नामेंट में, उन्होंने 50 से अधिक की औसत से 308 रन बनाए, साथ ही दो विकेट भी लिए। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेले गए मैच में उन्होंने 75 रनों की अहम पारी खेली, जो टीम की जीत में सहायक साबित हुई। हालांकि, सेमीफाइनल और फाइनल में वह हिस्सा नहीं ले सकीं, लेकिन उनका योगदान टूर्नामेंट में अनमोल रहा।
टीम के साथ जश्न और मेडल की चर्चा
जब भारतीय महिला टीम पीएम मोदी से मिली, तो प्रतिका का गले में मेडल देखा गया। वहीं, टीम के फोटोशूट में अमनजोत बिना मेडल के नजर आईं, जिससे सोशल मीडिया पर काफ़ी चर्चा हुई। फिर, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात के दौरान, दोनों खिलाड़ियों ने मेडल पहन रखे थे। इस तरह की तस्वीरें वायरल होने लगीं, जिससे कंफ्यूजन और भी बढ़ गया। लेकिन अब, प्रतिका रावल ने खुद इस पूरे घटनाक्रम पर पर्दा उठाया है।
जय शाह का प्रयास और मेडल का मिलना
प्रतिका ने कहा है कि, “जय शाह सर के हस्तक्षेप के बाद ही मुझे मेरा मेडल मिला है।” उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि, “मुझे बहुत खुशी हुई है कि अब मैं अपने मेडल को पहन सकती हूं और इस सम्मान का हिस्सा बन सकी हूं।”
प्रतिका रावल की कहानी प्रेरणादायक है। चोट के बावजूद उन्होंने हार नहीं मानी और अपने प्रदर्शन से टीम का मान बढ़ाया। उनके मेडल पाने की जद्दोजहद यह दिखाती है कि कभी-कभी छोटी-छोटी बातें भी बड़ी कहानी बन जाती हैं। अब वह पूरे गर्व के साथ अपने इस सम्मान को स्वीकार कर चुकी हैं, और उनके अनुभव युवा खिलाड़ियों के लिए भी प्रेरणा का स्रोत हैं। उनके इस संघर्ष और सफलता की कहानी निश्चित ही भारतीय महिला क्रिकेट की नई ऊर्जा का प्रतीक बनेगी।
Report by : अंशिका यादव



