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बाकी सीटों पर ध्यान दीजिए”—आरजेडी नेता को आंखें दिखाने वाली बागी रितु जायसवाल कौन हैं?

 बाकी सीटों पर ध्यान दीजिए”—आरजेडी नेता को आंखें दिखाने वाली बागी रितु जायसवाल कौन हैं?
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बिहार: बिहार विधानसभा चुनाव की रणभूमि में परिहार विधानसभा सीट फिर चर्चा का केंद्र बन गई है। इस सीट पर राजनीतिक गरमाहट तब और तेज हो गई जब राजद ने इस बार अपनी चुनावी जंग में बागी उम्मीदवार रितु जायसवाल को टिकट नहीं दिया। रितु जायसवाल पहले भी इस क्षेत्र की जनता के बीच अपनी खास पहचान बना चुकी हैं और उन्हें लोग ‘मुखिया दीदी’ के नाम से जानते हैं। उनका मुकाबला अब दिलचस्प हो गया है क्योंकि उन्होंने निर्दलीय चुनाव लड़ने का फैसला किया है। इससे इस सीट पर मुकाबला और भी दिलचस्प और दिलचस्प हो गया है।

2020 के विधानसभा चुनाव में रितु जायसवाल का संघर्ष

2020 के विधानसभा चुनाव में परिहार सीट पर रितु जायसवाल को राजद ने उम्मीदवार बनाया था। उस समय भी उनके लिए यह मुकाबला आसान नहीं था। उन्होंने भाजपा उम्मीदवार गायत्री देवी से करीबी मुकाबला किया, लेकिन अंत में 1569 वोट से हार गईं। तब भी यह मुकाबला काफी तेज था। उस समय भी रितु जायसवाल जनता का दिल जीतने में कामयाब रहीं, और उनके समर्थकों में ‘मुखिया दीदी’ का नाम तेजी से फैल गया। उनकी जीत का सपना अधूरा रह गया, लेकिन उनके संघर्ष और जनता के प्रति समर्पण ने उन्हें क्षेत्र में एक खास पहचान दिलाई।

निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में रितु जायसवाल का मोर्चा

अब जब उन्होंने निर्दलीय चुनाव लड़ने का मन बनाया है, तो उनकी स्थिति और भी मजबूत हो गई है। उन्होंने अपने विरोधियों के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है और तेजस्वी यादव व राजद पर निशाना साधा है। बुधवार, 5 नवंबर को रितु जायसवाल ने फेसबुक पोस्ट के माध्यम से तेजस्वी यादव को करारा जवाब दिया। उन्होंने कहा, “आज तेजस्वी जी परिहार आ रहे हैं – उस उम्मीदवार के लिए वोट मांगने, जो अभी तीसरे नंबर पर है। राजद ने परिहार की सीट उस दिन ही गंवा दी थी, जिस दिन कार्यकर्ताओं की भावनाओं को नजरअंदाज कर सिंबल बांटा गया था। यह जनता के आशीर्वाद और कार्यकर्ताओं की मेहनत का परिणाम है कि आज मैं इस सीट पर मजबूती से डटी हुई हूं। तेजस्वी जी से बस इतना कहना है कि बिहार की बाकी 242 सीटों पर ध्यान दीजिए, परिहार को जनता पहले ही अपना फैसला सुना चुकी है।”

रितु जायसवाल का परिचय और सामाजिक कार्य

रितु जायसवाल का जन्म हाजीपुर में हुआ था। वह एक चर्चित महिला नेता हैं जिन्होंने अपनी राजनीति की शुरुआत पंचायत मुखिया के रूप में की थी। अपने कार्यकाल में उन्होंने शिक्षा, सड़क, सीवरेज, स्वच्छता, महिला सशक्तिकरण जैसे अहम मुद्दों पर कई सफल योजनाएं चलाईं। उनके नेतृत्व में उनका पंचायत क्षेत्र एक आदर्श मॉडल के रूप में उभरा। क्षेत्र में उन्हें ‘मुखिया दीदी’ के नाम से पुकारा जाता है, जो उनके जनसेवा के प्रति समर्पण का प्रतीक है।

उनके पति पूर्व IAS अधिकारी अरुण कुमार हैं, जिन्होंने अपनी नौकरी से VRS लेकर समाज सेवा में कदम रखा है। वह ग्रामीण विकास और शिक्षा के क्षेत्र में काम कर रहे हैं। रितु जायसवाल खुद भी बिहार में छात्रों को मुफ्त कोचिंग की सुविधा प्रदान करती हैं और परीक्षाओं की तैयारी में मदद करती हैं। उनके इस प्रयास से क्षेत्र में शिक्षा का स्तर सुधरा है और युवा पीढ़ी को नई दिशा मिली है।

राजनीतिक सफर और सामाजिक प्रभाव

रितु जायसवाल का राजनीतिक सफर काफी लंबा और प्रभावशाली रहा है। वह बिहार में महिलाओं के सशक्तिकरण की एक मिसाल हैं। उन्होंने राजद की महिला प्रकोष्ठ की प्रदेश अध्यक्ष का पद भी संभाला है। पार्टी में उनकी सक्रियता और समाज सेवा का जज्बा उन्हें क्षेत्र और पार्टी दोनों में महत्वपूर्ण स्थान दिलाता है। उन्होंने अपनी मेहनत और लगन से क्षेत्र में विकास के नए आयाम स्थापित किए हैं।

परिहार विधानसभा सीट इस बार फिर चर्चा में है। रितु जायसवाल की निर्दलीय उम्मीदवारी ने इस सीट को और भी रोमांचक बना दिया है। जनता की नज़र में वह ‘मुखिया दीदी’ के रूप में एक भरोसेमंद और विकास के प्रतीक के रूप में उभरी हैं। उनके संघर्ष और जनता के प्रति समर्पण की कहानी बिहार की राजनीति में एक प्रेरणा बन सकती है। मुकाबला चाहे जो भी हो, रितु जायसवाल का संघर्ष और जनता का समर्थन इस चुनाव को दिलचस्प बना रहा है।

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