ड्राइवर की आंखें होंगी चेक, नियम तोड़ने पर लाइसेंस होगा सस्पेंड; सीएम भजनलाल के कड़े निर्देश
राजस्थान में हाल ही में लगातार हो रहे भीषण सड़क हादसों ने पूरे राज्य को चिंतित कर दिया है। 29 जानें गंवाने के बाद सरकार ने सड़कों पर सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत बनाने के लिए कदम उठाने शुरू कर दिए हैं। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने इस संदर्भ में एक महत्वपूर्ण घोषणा करते हुए कहा है कि उन्होंने सड़क सुरक्षा के लिए 15 दिनों की रोड सेफ्टी ड्राइव शुरू की है, जो आज से प्रारंभ हो गई है। इस अभियान का उद्देश्य सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाना और यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करना है।
सड़क सुरक्षा अभियान का नेतृत्व ट्रैफिक नियमों के पालन तथा उन्हें सख्ती से लागू करने पर केंद्रित है। मुख्यमंत्री ने बीती रात अपने आवास पर एक उच्च स्तरीय बैठक बुलाई, जिसमें अधिकारियों को विशेष दिशा-निर्देश दिए गए हैं। इस बैठक में सभी संबंधित विभागों को निर्देश दिया गया है कि वे सड़क हादसों को रोकने के लिए जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाएं। बैठक के दौरान यह भी तय किया गया कि ट्रांसपोर्ट, पुलिस और पीडब्ल्यूडी जैसे विभाग अपनी जिम्मेदारी निभाते हुए सड़क सुरक्षा के नियमों का पालन सुनिश्चित करें और लापरवाही पर सख्त कार्रवाई करें।
सीएम भजनलाल शर्मा ने कहा कि सड़क हादसों को कम करने के लिए सभी हाईवे पर मौजूद ब्लैक स्पॉट (जहां सबसे अधिक दुर्घटना होती है) को चिन्हित किया जाएगा। इसके साथ ही, हाईवे के आसपास के अतिक्रमण को हटाने का भी निर्देश दिया गया है। खासतौर पर जयपुर-दिल्ली, जयपुर-कोटा, जयपुर-अजमेर और जयपुर-भरतपुर कॉरिडोर पर तेज रफ्तार और दुर्घटनाओं की घटनाएं अधिक होती हैं, इसलिए इन जगहों पर कड़ी निगरानी और नियमों का सख्त पालन कराया जाएगा। सीएम ने सभी अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वे ट्रैफिक नियमों का सख्ती से पालन कराएं और लोगों में जागरूकता फैलाएं, क्योंकि नियमों का उल्लंघन केवल कानून तोड़ने का ही मामला नहीं है बल्कि यह मानव जीवन का सवाल है।
सरकार का प्रमुख प्लान है कि नशे में धुत तेज रफ्तार गाड़ी चलाने वाले ड्राइवरों का लाइसेंस तुरंत रद्द कर दिया जाएगा। इसके अलावा, राष्ट्रीय राजमार्गों के आसपास मौजूद अवैध कब्जों को हटाने की प्रक्रिया भी तेज की जाएगी। 15 नवंबर से 15 फरवरी के बीच सभी ट्रक ड्राइवरों का आंखों का चेकअप किया जाएगा, ताकि नशे या अन्य कारणों से ड्राइविंग न करें। साथ ही, मेडिकल और स्वास्थ्य विभाग को आपात स्थिति के लिए लाइफ सपोर्ट एंबुलेंस तैनात करने का निर्देश भी दिया गया है, ताकि घायल व्यक्तियों को तुरंत मदद पहुंचाई जा सके।
बता दें कि हाल ही में जयपुर में एक दर्दनाक सड़क हादसा हुआ, जिसमें एक डंपर ने 17 वाहनों को कुचलते हुए 14 लोगों की मौत हो गई और 13 लोग घायल हो गए। इस हादसे के बाद मुख्यमंत्री ने तेज रफ्तार में गाड़ी चलाने वाले ड्राइवरों के लाइसेंस रद्द करने के आदेश दिए हैं। इसके साथ ही, हाईवे के आसपास मौजूद अव्यवस्था को भी दूर करने के लिए खाने-पीने की दुकानें, पार्किंग जोन और स्लिप लेन को हटाने का निर्देश दिया गया है।
सीएम ने कहा कि सड़क सुरक्षा को लेकर सरकार और विभागों को मिलकर काम करना होगा। नियमों का पालन सिर्फ कानून नहीं बल्कि मानव जीवन की रक्षा का भी मामला है। इसलिए, सभी विभाग अपनी जिम्मेदारी सही ढंग से निभाएं और जनता में जागरूकता फैलाएं। सरकार का यह कदम एक सकारात्मक शुरुआत है, जिससे राजस्थान में सड़क सुरक्षा को मजबूत बनाने और हादसों को रोकने में मदद मिलेगी।



