आंध्र प्रदेश के वेंकटेश्वर मंदिर में भगदड़, 9 श्रद्धालुओं की मौत, कई घायल
आंध्र प्रदेश के श्रीकाकुलम जिले में एक श्रद्धालु भीड़ के कारण हुई भगदड़ ने पूरे इलाके को शोक में डुबो दिया है। काशीबुग्गा स्थित वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर में एकादशी के अवसर पर भारी भीड़ उमड़ने के कारण यह हादसा हुआ, जिसमें कम से कम नौ लोगों की मौत हो गई और कई श्रद्धालु घायल हो गए हैं। घटना के समय मंदिर में श्रद्धालुओं की भीड़ इतनी अधिक थी कि एक अचानक से भगदड़ मच गई, जिससे अफरा-तफरी का माहौल बन गया। पुलिस की टीम तुरंत मौके पर पहुंची और राहत कार्य शुरू कर दिए गए हैं। घायलों को नजदीकी अस्पतालों में भर्ती कराया गया है।
मंदिर में भगदड़ की खबर मिलते ही प्रशासनिक अधिकारियों ने तुरंत ही राहत एवं बचाव कार्य शुरू कर दिया। पुलिस ने मौके पर अतिरिक्त बल तैनात किया है ताकि स्थिति को नियंत्रण में रखा जा सके। मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू ने इस घटना पर गहरा दुख व्यक्त किया है। उन्होंने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर कहा, “श्रीकाकुलम जिले के काशीबुग्गा स्थित वेंकटेश्वर मंदिर में हुई भगदड़ की घटना से गहरा सदमा पहुंचा है। इस दुखद घटना में श्रद्धालुओं की मौत बेहद दुखद है। मैं मृतकों के परिवारों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करता हूं और घायलों को उचित चिकित्सा सुविधा प्रदान करने का निर्देश दिया है।
आंध्र प्रदेश के मंत्री नारा लोकेश ने भी इस दुखद घटना पर अपनी संवेदना व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि श्रद्धालुओं की मौत से पूरे राज्य में शोक का माहौल है। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि घायलों को त्वरित चिकित्सा सुविधा दी जाए और राहत कार्यों में तेजी लाई जाए। वहीं, घटना स्थल पर बचाव एवं राहत कार्य जारी है।
मृतकों में दो बच्चे भी शामिल हैं, जो इस घटना को अत्यंत दुखद बनाते हैं। प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, भीड़ नियंत्रण के अभाव में कतार में लगी रेलिंग टूट गई थी, जिससे लोग एक-दूसरे पर गिरने लगे और भगदड़ मच गई। यह घटना इस साल की तीसरी ऐसी दुर्घटना है, जिनमें श्रद्धालुओं की मौत हुई है। इससे पहले 30 अप्रैल को विशाखापत्तनम के सिंहाचलम मंदिर में भारी बारिश के कारण दीवार गिरने से सात लोगों की जान चली गई थी, वहीं 8 जनवरी को तिरुपति के भगवान वेंकटेश्वर मंदिर में टिकट वितरण के दौरान भगदड़ में छह श्रद्धालुओं की मौत हो गई थी।
यह घटना श्रद्धालुओं की भारी भीड़ के कारण हुई पहली बड़ी दुर्घटना नहीं है। तीर्थ स्थलों पर सुरक्षा व्यवस्था को लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं। अधिकारियों का कहना है कि भीड़ नियंत्रण के लिए कदम उठाए गए हैं, लेकिन इस तरह की घटनाएं फिर से न हों, इसके लिए सतर्कता और बेहतर प्रबंधन की आवश्यकता है। श्रद्धालु भीड़ के कारण इस तरह की घटनाएं अक्सर देखने को मिलती हैं, जिनमें कई जानें जाती हैं।
मंदिर प्रशासन और सरकारें लगातार इन घटनाओं से सबक लेकर सुरक्षा उपाय मजबूत कर रही हैं, लेकिन अभी भी भीड़ नियंत्रित करने के लिए और अधिक कदम उठाने की आवश्यकता है। श्रद्धालुओं की सुरक्षा सर्वोपरि है, ताकि श्रद्धापूर्वक पूजा करने आए सभी श्रद्धालु सुरक्षित रहे। इस दुखद घटना ने एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि तीर्थ स्थलों पर भीड़ प्रबंधन अत्यंत जरूरी है। सभी संबंधित अधिकारियों से आग्रह है कि वे श्रद्धालुओं की सुरक्षा का विशेष ध्यान रखें और ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए उचित कदम उठाएं।



