दीपिका पादुकोण हुईं जेमिमा रोड्रिग्स की कहानी से प्रभावित , पोस्ट शेयर कर कही ‘ शुक्रिया ’
नवी मुंबई में खेले गए महिला विश्व कप 2025 के सेमीफाइनल मुकाबले में भारत की जीत जितनी रोमांचक थी , उतनी ही भावनात्मक भी। इस ऐतिहासिक जीत की नायिका रहीं भारतीय क्रिकेटर जेमिमा रोड्रिग्स , जिन्होंने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ शानदार प्रदर्शन कर भारत को फाइनल में पहुंचा दिया। लेकिन इस जीत के बाद जेमिमा का एक बयान मैदान से बाहर भी सुर्खियों में छा गया , जिसने न सिर्फ लाखों क्रिकेट प्रेमियों बल्कि बॉलीवुड अभिनेत्री दीपिका पादुकोण को भी गहराई से प्रभावित किया।
मैच के बाद जब जेमिमा को ‘ प्लेयर ऑफ द मैच ’ चुना गया , तो उन्होंने अपने पोस्ट – मैच इंटरव्यू में दिल छू लेने वाला बयान दिया। उन्होंने बताया कि पूरे टूर्नामेंट के दौरान वे चिंता (Anxiety) से जूझ रही थीं। उन्होंने कहा , “ मैं यहां बहुत कमजोर दिखूंगी , लेकिन मुझे पता है कि अगर कोई इसे देख रहा है , तो वह भी इसी स्थिति से गुजर रहा होगा। मेरा यही उद्देश्य है कि लोग समझें , कमजोरी के बारे में बात करना कोई शर्म की बात नहीं है।”
जेमिमा ने आगे बताया कि टूर्नामेंट के दौरान उनका मानसिक संघर्ष किस हद तक बढ़ गया था। उन्होंने कहा , “ कई बार मैं मैच से पहले बहुत रोती थी। अपनी मां को फोन करती थी और रोते हुए सब कुछ बाहर निकाल देती थी , क्योंकि जब आप चिंता से गुजर रहे होते हैं तो आप सुन्न महसूस करते हैं। समझ नहीं आता कि क्या करें। मेरे माता – पिता और दोस्तों ने इस दौरान मेरा बहुत साथ दिया। ”
जेमिमा के इस साहसिक बयान ने सोशल मीडिया पर बड़ी चर्चा छेड़ दी। कई लोगों ने उनकी ईमानदारी और मानसिक स्वास्थ्य पर खुलकर बात करने की हिम्मत की सराहना की। इन्हीं में से एक थीं बॉलीवुड अभिनेत्री दीपिका पादुकोण , जो खुद भी मानसिक स्वास्थ्य के क्षेत्र में एक मुखर आवाज रही हैं।
शुक्रवार को दीपिका ने अपनी इंस्टाग्राम स्टोरी पर जेमिमा का वीडियो शेयर करते हुए लिखा , “ धन्यवाद जेमिमा रोड्रिग्स , आपकी कमजोरी के लिए और अपनी कहानी साझा करने के लिए। ”
दीपिका ने यह भी कहा कि जेमिमा की ईमानदारी और संवेदनशीलता लोगों के लिए प्रेरणा है। उन्होंने याद दिलाया कि मानसिक स्वास्थ्य के बारे में बात करना किसी कमजोरी की नहीं , बल्कि ताकत की निशानी है।
दीपिका पादुकोण ने हमेशा मानसिक स्वास्थ्य पर खुलकर बात की है। उन्होंने Live Love Laugh Foundation की स्थापना की , जो मानसिक स्वास्थ्य जागरूकता और सहायता के लिए काम करती है। जेमिमा की बातों से प्रभावित होकर दीपिका का यह समर्थन बताता है कि खेल और मनोरंजन जगत दोनों में मानसिक स्वास्थ्य पर संवाद अब और अधिक स्वीकार्य हो रहा है।
जेमिमा का यह बयान न केवल खेल जगत के लिए , बल्कि आम लोगों के लिए भी एक प्रेरणा है। उन्होंने यह साबित किया कि मानसिक स्वास्थ्य पर खुलकर बात करना किसी की छवि को कमजोर नहीं बनाता , बल्कि दूसरों को अपनी लड़ाई लड़ने की हिम्मत देता है।
भारत की इस युवा स्टार ने मैदान के अंदर और बाहर दोनों जगह अपनी सच्ची ताकत दिखा दी – जज़्बे , ईमानदारी और संवेदनशीलता की ताकत। दीपिका की तारीफ ने इस भावुक पल को और भी खास बना दिया।



