बाल अधिकार संरक्षण आयोग का नोटिस: बिना पंजीकरण वाले प्ले स्कूल होंगे बंद
राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने निजी प्ले स्कूलों के खिलाफ सख्त कदम उठाया है। आयोग ने स्पष्ट किया है कि जिन भी निजी प्ले स्कूलों का पंजीकरण नहीं हुआ है, उन्हें नियमानुसार बंद कर दिया जाएगा। यह निर्णय बच्चों की सुरक्षा और अधिकारों की रक्षा को सुनिश्चित करने के लिए लिया गया है। आयोग के सदस्य गणेश कुमार और सुमन राणा ने शुक्रवार को लोकनिर्माण विश्राम गृह में संबंधित अधिकारियों, स्कूल संचालकों और अन्य स्टेकहोल्डर्स के साथ बैठक की। इस बैठक में बच्चों की सुरक्षा, अधिकारों का संरक्षण और निजी संस्थानों की जवाबदेही पर चर्चा की गई।
बैठक में दोनों सदस्यों ने कहा कि जिले में संचालित सभी निजी प्ले स्कूलों का पंजीकरण सरल हरियाणा पोर्टल पर अनिवार्य है। बिना पंजीकरण के कोई भी स्कूल संचालन की अनुमति नहीं दी जाएगी। उन्होंने स्पष्ट किया कि यदि कोई स्कूल बिना पंजीकरण के पाया गया, तो उसे तत्काल बंद कर दिया जाएगा। यह कदम बच्चों की सुरक्षा के साथ-साथ उनके अधिकारों की रक्षा के लिए उठाया गया है। आयोग की टीम लगातार इन स्कूलों की निगरानी कर रही है ताकि किसी भी अनियमितता को रोका जा सके।
गणेश कुमार ने कहा कि बच्चों को सुरक्षित रखने के लिए सभी विभागों और संस्थानों के बीच समन्वय जरूरी है। उन्होंने महिला एवं बाल विकास विभाग, शिक्षा विभाग और जिला बाल संरक्षण इकाई को निर्देश दिए हैं कि वे मिलकर काम करें और जिले में संचालित सभी प्ले स्कूलों की सूची तैयार करें। उनका लक्ष्य है कि जल्द से जल्द इन स्कूलों का पंजीकरण पूरा किया जाए ताकि बच्चों का भविष्य सुरक्षित हो सके।
सुमन राणा ने कहा कि यदि किसी स्कूल में बच्चों के साथ शोषण, दुर्व्यवहार या अधिकारों का उल्लंघन का मामला सामने आता है, तो तुरंत जिला बाल कल्याण समिति को सूचित किया जाए। उन्होंने कहा कि बच्चों के अधिकारों का उल्लंघन किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इसके लिए आवश्यक कदम उठाए जाएंगे ताकि बच्चों का जीवन सुरक्षित और सम्मानजनक हो सके।
जिला बाल संरक्षण अधिकारी दीपिका यादव ने बताया कि जिले में प्ले स्कूलों के पंजीकरण की प्रक्रिया अभी भी जारी है। उन्होंने कहा कि सभी स्कूल संचालकों को निर्देशित किया गया है कि वे जल्द से जल्द सरल हरियाणा पोर्टल https://saralharyana.gov.in पर अपना पंजीकरण कराएं। यह प्रक्रिया न केवल नियमों का पालन सुनिश्चित करने के लिए है, बल्कि बच्चों की सुरक्षा के लिए भी अनिवार्य है। उन्होंने कहा कि यदि स्कूल समय पर अपना पंजीकरण नहीं कराते हैं, तो उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
जिला कार्यक्रम अधिकारी शालू यादव ने भी सभी स्कूल संचालकों से अपील की है कि वे नियमानुसार अपना पंजीकरण सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि यह न केवल कानून का पालन है, बल्कि बच्चों को सुरक्षित और संरक्षित बनाने का भी माध्यम है। जिले के सभी निजी प्ले स्कूलों को इस निर्देश का सख्ती से पालन करने की जरूरत है ताकि बच्चों की सुरक्षा को सुनिश्चित किया जा सके।
आयोग के इस कदम का उद्देश्य है कि जिले में संचालित सभी बच्चों के शिक्षण संस्थान नियमों का पालन करें और बच्चों को सुरक्षित वातावरण प्रदान किया जाए। इसके साथ ही, बच्चों के अधिकारों का उल्लंघन रोकने के लिए भी सख्त कदम उठाए जाएंगे। यह पहल बच्चों के जीवन को सुरक्षित बनाने और उनके अधिकारों की रक्षा का मजबूत आधार बनेगी।
कुल मिलाकर, राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग का यह कदम जिले में बच्चों की सुरक्षा, शिक्षण संस्थानों की जवाबदेही और नियमों का पालन सुनिश्चित करने के लिए एक बड़ा प्रयास है। सभी संबंधित विभागों और स्कूल संचालकों से अपेक्षा की जाती है कि वे इस दिशा में आवश्यक कदम उठाएं और बच्चों का भविष्य सुरक्षित बनाएं।



