फाइटर प्लेट सूट पहन राफेल में बैठीं राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू , कुछ देर में भरेंगी उड़ान
अंबाला ( हरियाणा ) — भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने आज इतिहास रचते हुए फ्रांस निर्मित राफेल लड़ाकू विमान में उड़ान भरी। यह उड़ान उन्होंने अंबाला वायुसेना स्टेशन से भरी है , जहां वह भारतीय वायुसेना द्वारा आयोजित विशेष कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुईं। राष्ट्रपति के इस साहसिक कदम ने न केवल भारतीय वायुसेना का गौरव बढ़ाया बल्कि यह देशभर के नागरिकों के लिए भी गर्व का क्षण बन गया।
राष्ट्रपति के आगमन को देखते हुए जिला प्रशासन और वायुसेना अधिकारियों ने मिलकर कार्यक्रम की तैयारियाँ की थीं। उपायुक्त अजय सिंह तोमर ने बताया कि राष्ट्रपति दिल्ली से हवाई मार्ग द्वारा अंबाला पहुंचीं। एयरफोर्स स्टेशन के चारों ओर सुरक्षा के पुख्ता इंतज़ाम किए गए।
सुरक्षा कारणों से एयरफोर्स स्टेशन के आसपास ड्रोन उड़ाने पर सख्त पाबंदी लगाई गई। स्टेशन के अंदर मोबाइल फोन ले जाने की अनुमति नहीं थी। केवल अधिकृत व्यक्तियों को ही प्रवेश की इजाजत दी गई।
सूत्रों के अनुसार , राष्ट्रपति मुर्मू ने उड़ान के दौरान राफेल विमान से अंबाला क्षेत्र का हवाई चक्कर भी लगाया। यह उड़ान भारतीय वायुसेना के अनुभवी पायलट की निगरानी में हुई। यह पहली बार है जब किसी भारतीय राष्ट्रपति ने राफेल में उड़ान भरी है , जिससे यह दिन ऐतिहासिक बन गया।
भारत ने फ्रांस से कुल 36 राफेल लड़ाकू विमान खरीदे हैं। पहली खेप 27 जुलाई 2020 को भारत पहुंची थी , जिसमें 5 राफेल विमान शामिल थे। ये विमान फ्रांस के मेरिग्नैक एयरबेस से उड़ान भरकर संयुक्त अरब अमीरात के अल दफरा एयरबेस पर रुके और फिर अंबाला एयरबेस पहुंचे।
10 सितंबर 2020 को अंबाला एयरबेस पर राफेल विमानों की औपचारिक इंडक्शन सेरेमनी आयोजित की गई थी। इस समारोह में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और फ्रांस की रक्षा मंत्री फ्लोरेंस पार्ली मौजूद थीं। उस अवसर पर इन विमानों को भारतीय वायुसेना की 17वीं स्क्वॉड्रन ‘ गोल्डन एरोज ’ में शामिल किया गया था।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी राफेल में उड़ान भरने वाले पहले भारतीय मंत्री बने थे। उनके बाद अब राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का यह कदम भारतीय वायुसेना के प्रति उनके विश्वास और साहसिक नेतृत्व का प्रतीक है।
राफेल एक चौथी पीढ़ी का मल्टीरोल फाइटर जेट है , जो हवा से हवा में और हवा से जमीन पर मार करने में सक्षम है। इसमें अत्याधुनिक रडार सिस्टम , इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर सूट , और सटीक मिसाइल क्षमता है। इसकी अधिकतम गति 2,222 किमी प्रति घंटा तक पहुँच सकती है।
राष्ट्रपति मुर्मू का यह कदम न केवल महिला सशक्तिकरण का प्रतीक है , बल्कि यह भारतीय वायुसेना के प्रति जनता के विश्वास को और मज़बूत करता है। अंबाला का आसमान आज वाकई गर्व से ऊँचा हो गया।



