सीएम चेहरा कोई मुद्दा नहीं, विधायक ही तय करेंगे: चिराग पासवान
बिहार: बिहार विधानसभा चुनाव 2024 की तैयारियों के बीच लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) के प्रमुख एवं केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने अपनी पहली व्यापक रणनीतिक बैठक में कई महत्वपूर्ण बातें साझा की हैं। निवर्तमान विधानसभा में उनकी पार्टी का कोई विधायक न होने के बावजूद, उन्होंने एनडीए के साथ सीट बंटवारे में 29 सीटें हासिल कर अपनी मौजूदगी का संकेत दिया है। इंटरव्यू के दौरान, उन्होंने चुनावी मुद्दों, गठबंधन की स्थिति और भविष्य की योजनाओं पर विस्तार से बात कीआइए जानते हैं बातचीत के प्रमुख अंश।
संतुष्ट हैं, भरोसे का आभार मानते हैं
चिराग पासवान ने सीट बंटवारे को लेकर कहा, “मैं बिल्कुल खुश और संतुष्ट हूं। प्रधानमंत्री ने मुझ पर भरोसा जताया है, और मुझे 29 सीटें दी हैं, जो मेरे लिए गर्व की बात है।” उन्होंने कहा कि यह उनके पिता रामविलास पासवान के 20 साल पहले जीते गए 29 विधायकों के रिकॉर्ड को फिर से दोहराने का अवसर है।
सीट आवंटन का उद्देश्य और संदेश
उन्होंने स्पष्ट किया कि सीट बंटवारे का मुख्य उद्देश्य विपक्ष से मुकाबला करना है। उन्होंने कहा, “मुझे नहीं पता कि इसका संदेश क्या है, लेकिन मैंने भाजपा से कहा था कि हमें विपक्ष का सामना करना है।” उन्होंने यह भी बताया कि उन्होंने अपने हिस्से की सीटें अपने लोकसभा क्षेत्र के अनुसार तय की हैं, ताकि सभी सहयोगी संतुष्ट रहें।
जेडीयू और भाजपा का समीकरण
नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू और भाजपा दोनों ने बराबर सीटें लड़ी हैं, इस पर चिराग ने टिप्पणी की, “मुझे नहीं लगता कि इसमें कोई खास मतलब है। हम सबकी भूमिका बराबर है।” उन्होंने कहा कि सभी सहयोगी समान महत्व रखते हैं, और अंततः फैसला सभी विधायक मिलकर ही लेंगे।
प्रशांत किशोर से जुड़ी अफवाहें
अफवाहों के बीच, कि वे प्रशांत किशोर से हाथ मिला सकते हैं, चिराग ने कहा, “यह सिर्फ़ एक अफवाह थी। मैं दबाव की राजनीति नहीं करता। मैं प्रशांत जी को जानता हूं, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि मैं कोई वैकल्पिक गठबंधन ढूंढ रहा था।”
जातिगत समीकरण और उम्मीदवार चयन
उन्होंने बताया कि उनके उम्मीदवार विभिन्न वर्गों जैसे सवर्ण, अनुसूचित जाति और पिछड़े वर्ग से हैं। उनकाFocus महिला और युवा उम्मीदवारों पर है। उन्होंने कहा, “मैं 8 आरक्षित सीटों पर चुनाव लड़ रहा हूं, और मैंने इन सीटों पर अपने अनुसार उम्मीदवार दिए हैं।”
मुख्यमंत्री का सवाल और गठबंधन की स्थिति
चिराग ने कहा कि मुख्यमंत्री का चुनाव विधायक तय करेंगे, और उन्हें पूरा भरोसा है कि सभी विधायक नीतीश कुमार को ही मुख्यमंत्री चुनेंगे। उन्होंने स्पष्ट किया कि इस बार कोई विवाद नहीं है और सभी सीटें उनकी पसंद की हैं। उन्होंने यह भी कहा कि नीतीश कुमार का स्वास्थ्य चिंता का विषय नहीं है, और अनुभवहीनता बिहार के लिए अच्छा नहीं है।
बिहार में विकास और सरकार की दिशा
उन्होंने कहा कि वे बिहार में सरकार का मजबूत सहयोगी बनना चाहते हैं। उनका विज़न डॉक्यूमेंट “बिहार फ़र्स्ट” और “बिहारियों फ़र्स्ट” पर आधारित है। इसमें वह रोजगार, शिक्षा, स्वास्थ्य और राज्य के समग्र विकास पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं।
भविष्य के नेता और युवा नेतृत्व
चिराग ने कहा कि आने वाले वर्षों में युवाओं को भी नेतृत्व का मौका मिलेगा, लेकिन मौजूदा समय में अनुभवी नेतृत्व जरूरी है। उन्होंने नीतीश कुमार जैसे अनुभवी नेता की आवश्यकता पर बल दिया।
विपक्ष का आरोप और बिहार का जंगल राज
विपक्षी नेताओं के आरोप कि वे और भाजपा मिलकर नीतीश कुमार को सत्ता से हटाने की कोशिश कर रहे हैं, पर चिराग ने कहा, “यह महागठबंधन का काम है। उनके पास कोई साझा आधार नहीं है, इसलिए वे हम पर फूट डालने का प्रयास कर रहे हैं।” प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित भाजपा के नेता सार्वजनिक रूप से ‘जंगल राज’ का मुद्दा उठा रहे हैं। इस पर चिराग ने कहा कि बिहार के पिछड़ेपन का यह दौर लालू प्रसाद के शासनकाल का ही परिणाम है, और यदि फिर से वे सत्ता में आए, तो बिहार पिछड़ जाएगा। उन्होंने मतदाताओं से अपील की कि उन्हें इस दौर के कठिनाइयों के बारे में भी समझाया जाना चाहिए।
चिराग पासवान ने कहा कि बिहार का विकास तभी संभव है जब स्थिर और अनुभवी सरकार होगी। वह अपने विज़न के माध्यम से राज्य के लिए नई योजनाएँ लेकर आए हैं, और आने वाले दिनों में बिहार के विकास के लिए जनता का समर्थन अपेक्षा कर रहे हैं। उनका मानना है कि एनडीए इस बार मजबूत है और विपक्ष बंटा हुआ है, जो बिहार के मतदाताओं के लिए शुभ संकेत है।



